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________________ १२६ (७) मिणाहचरिउ ( रिट्ठणेमिचरिउ अथवा हरिवंश पुराण) 1 11 जैन परंपरा में श्रीकृष्ण साहित्य रइधु की यह अपभ्रंश भाषा में रचित रचना है । इसके कवि अपने समय के प्रकाण्ड पंडित और प्रभावशाली कवि थे । डा० राजाराम जैन ने अपने शोधप्रबंध में इनके द्वारा रचित अन्य अनेक कृतियों का उल्लेख किया है । कवि का अपर नाम सिंहसेन था । इनके पिता का नाम साहू हरिसिंह, माता का नाम विजयश्री, पत्नी का नाम सावित्रि और पुत्र का नाम उदयराज था । इनका समय १४ वीं या १६ वीं शताब्दी विक्रम का है । इनका अधिकांश जीवन ग्वालियर के आसपास के क्षेत्र में व्यतीत हुआ । काष्ठासंघ माथुर गच्छ पुष्करणीय शाखा जो दिगंबर जैन आचार्यों का एक संघ था, इससे वे संबद्ध थे । इन्होंने अनेक जिन मूर्तियों की प्रतिष्ठापना की थी इसलिए इनको प्रतिष्ठाचार्य भी कहा जाता है । 1 रइधू लिखित मिणाहचरिउ की एक हस्तलिखित प्रति जैन सिद्धांत भवन, आरा में पायी गयी है । इसकी प्रतिलिपि संवत् विक्रम १९८७ की है, यह परंपरागत पौराणिक शैली का जैन काव्य है और इसका आधार जिनसेन कृत संस्कृत हविरश पुराण है । कवि ने १४ संधियों और ३०२ कवकों में इसका वर्णन किया है। इसमें हरिवंश का आरंभ यादवों की उत्पत्ति, वसुदेव का चरित, कृष्णचरित, नेमिनाथ चरित, प्रद्युम्न चरित और पाण्डव चरित्र का वर्णन है । काव्यतत्त्व की दृष्टि से यह सुन्दर तथा सरस कृति है । शृंगार, वीर, रौद्र और शांतरसों का इसमें उत्तम रूप से वर्णन किया गया है । अलंकारों की दृष्टि से भी उत्प्रेक्षा, उपमा, रूपक, भ्रांतिमान, अर्थान्तरन्यास, काव्यलिंग, व्यतिरेक, संदेह आदि के उदाहरण कृति में उपलब्ध हैं । कवि ने परिनिष्ठित अपभ्रंश भाषा में यह रचना की है । इसका प्रस्तुति कृति में कोई उदाहरण नहीं दिया गया है। अधिक जानकारी के लिये डा० हरिवंश कोछड की पुस्तक अपभ्रंश साहित्य दृष्टव्य है । 12 (८) पाण्डवपुराण व हरिवंशपुराण: यशः कीर्ति यशः कीर्ति १५ वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध के कवि हैं । जैन श्रीकृष्ण ११. रधु साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, ले० डा० राजाराम जैन पृ० १८ से २०७ १२. अपभ्रंश साहित्य : डा० हरिवंश कोछड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002083
Book TitleJain Sahitya me Shrikrishna Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendramuni
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1991
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Literature
File Size12 MB
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