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________________ ९५ ज्ञान एवं वचन की प्रामाणिकता यद्यपि सर्वज्ञ वस्तु के समग्र स्वरूप का ज्ञाता होने पर भी उसका कथन तो आंशिक रूप से या सापेक्ष रूप से ही कर पाता है । इसलिए पर्याप्तिक सत्य भाषा निश्चयात्मक होते हुए भी आंशिक सत्य या सापेक्ष सत्य को अभिव्यक्त करती है । इसीलिए सूत्रकार ने उसे "सिय सच्चा" ( स्यात् सत्य) कहा है । वस्तुतः कथन की सत्यापनीयता या तथ्य से संवादिता निरपेक्षतः या पूर्णतः नहीं; प्रत्युत सापेक्षतः ही संभव है । यद्यपि जैन दर्शन में कथन की सत्यता वस्तुगत सत्यापनीयता या तथ्य की संवादिता तक ही सीमित नहीं है; क्योंकि जैन- दार्शनिकों ने व्यावहारिक सत्यता को स्वीकार किया है । अतः व्यावहारिक कथन भी सत्य या असत्य हो सकते हैं । उनकी सत्यता उनकी अर्थक्रियाकारिता पर निर्भर करती है । जैन आचार्यों ने सत्य के विभिन्न भेद स्वीकार किये हैं । स्थानांगसूत्र', पत्रवणासूत्र और भगवती आराधना आदि ग्रन्थों में सत्यवचन के दसदस भेद गिनाये गये हैं :― २ (अ) जनपद सत्य, (आ) सम्मत सत्य, (इ) स्थापना सत्य, (ई) नाम सत्य, ( उ ) रूप सत्य, (ऊ) प्रतीति सत्य, (ए) व्यवहार सत्य, (ऐ) भाव सत्य, (ओ) योग सत्य और ( औ) उपमा सत्य । अकलंक ने सम्मति, संभावना और उपमा सत्य के स्थान पर संयोजना, देश और समय-सत्य को रखकर सत्य का दस भेद स्वीकार किया है । भगवती आराधना में योग सत्य के स्थान पर संभावना सत्य का उल्लेख प्राप्त होता है | इस प्रकार जैन दर्शन में पर्याप्तिक सत्य भाषा के दस भेद हो स्वीकृत हैं; भले ही उनमें कुछ हेर-फेर हो पर उनकी संख्या दस हो मानो गयी है । अब हम उन दसों पर्याप्तिक सत्य कथनों का संक्षिप्त विवेचन प्रस्तुत करेंगे (अ) जनपद सत्य जिस देश या प्रदेश में जो शब्द जिस अर्थ में व्यवहृत होता है उसका वही अर्थ ग्रहण करना जनपद सत्य है जैसे "बाई", "लौण्डा" आदि शब्द । "बाई" शब्द यदि उत्तर प्रदेश में वेश्याओं के लिए प्रयुक्त होता है तो १. स्थानांगसूत्र, ७४१ । २. पन्नवणासूत्र, एकादस भाषापदम् - १। ३. भगवती आराधना, पृ० १९९२-९३ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002082
Book TitleSyadvada aur Saptabhanginay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhikhariram Yadav
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages278
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Nyay
File Size11 MB
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