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________________ जैन एवं बौद्ध शिक्षा के उद्देश्य एवं विषय ६३ किसी भी जीव की तीन योग और तीन करण से हिंसा न करना अहिंसा है।११ तीन योग अर्थात् मन, वचन और काय तथा तीन करण अर्थात् करना, करवाना और अनुमोदन करना। इसे इस प्रकार समझा जा सकता है (१) मन से हिंसा न करना, (२) मन से हिंसा न करवाना, (३) मन से हिंसा का अनुमोदन न करना। (१) वचन से हिंसा न करना। (२) वचन से हिंसा न करवाना। (३) वचन से हिंसा का अनुमोदन न करना। (१) काय से हिंसा न करना। (२) काय से हिंसा न करवाना। (३) काय से हिंसा का अनुमोदन न करना। इन नौ प्रकारों से प्राणी का घात न करना ही अहिंसा है। अहिंसा के पालन से मनुष्य में निर्भयता, वीरता, वत्सलता, क्षमा, दया आदि आत्मिक शक्तियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। आत्मिक बल के समाने सभी पाशविक या आसुरी शक्तियाँ नतमस्तक हो जाती हैं। सत्य-असत्य का परित्याग करना तथा यथाश्रुत वस्तु के स्वरूप का कथन सत्य कहलाता है। सत्य के लिए हितवादिता की आवश्यकता होती है। यदि भावना अहित हो जिससे किसी को कष्ट पहुँचता हो तो वह सत्य कथन भी अकथनीय होता है। 'अत्थतो अविसंवादि जहत्थमधुरं' अर्थात् वह सत्य है जो अर्थ से भूतार्थ सद्भूत अर्थवाला हो और अविसंवादी हो, यर्थाथ हो, मधुर हो । इसके साथ ही उस सत्य -यथातथ्य अर्थ को प्रकट करने पर भी जिसके पीछे किसी प्रकार का छल, द्रोह, दम्भ आदि संयमविघातक कारण हो वह सत्य वचन असत्य ही समझा जायेगा।१२ ___अस्तेय- बिना दिये हुए परवस्तु को ग्रहण करना स्तेय कहलाता है। जैन मान्यता के अनुसार धन सम्पत्ति मनुष्य का बाह्य जीवन है। अत: धन-सम्पत्ति का अपहरण, मनुष्य के बाह्य जीवन का अपहरण है। सिर्फ चोरी करना ही नहीं बल्कि चोरी करने की प्रेरणा देना, चोरी की प्रशंसा करना, चोरी का माल खरीदना आदि सभी हिंसा है। अत: मन, वचन और काय से चोरी न करना, चोरी न करवाना और चोरी करनेवालों का अनुमोदन न करना ही अस्तेय महाव्रत है। ब्रह्मचर्य- तपस्याओं में सबसे उत्तम तप ब्रह्मचर्य है।१३ ज्ञान और दर्शन के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002081
Book TitleJain evam Bauddh Shiksha Darshan Ek Tulnatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Kumar
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2003
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Epistemology
File Size10 MB
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