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सप्तमोऽङ्कः (यमदण्ड: करण्डकं प्रतिगृह्णाति।)
(सर्वाः प्रतिभयेन वेपन्ते।) (पिङ्गलक: कौमुदी-सुमित्रयोराभरणानि गृह्णाति।) पल्लीपति:- सर्वेषामपि वस्त्राणि रक्षणीयानि। यमदण्ड:- वृद्धे! परिधानाञ्चलेन पिहितं किमिदम्? वृद्धा-न किं पि। (न किमपि।)
(बालकः प्रतिभयेन मन्दं मन्दं रोदिति।) पल्लीपति:- कथमयं बालकस्वरः? (यमदण्डं प्रति) निरूपय बालको वा बालिका वा?
सर्पकर्ण:- देव! बालकोऽयम्। पल्लीपति:- वृद्ध! कस्याऽयं तनयः?
(यमदण्ड टोकरी ले लेता है।)
(सभी भय से काँपते हैं।) __ (पिङ्गलक कौमुदी और सुमित्रा से आभूषण ले लेता है।) पल्लीपति-सभी के वस्त्र रख लिये जायें। यमदण्ड-वृद्धे! साड़ी के आँचल में छिपा हुआ यह क्या है? । वद्धा-कुछ भी नहीं।
__ (बालक भय से धीरे-धीरे रोता है।) पल्लीपति-क्या यह बच्चे की आवाज है? (यमदण्ड से) देखो यह बालक है या बालिका।
सर्पकर्ण-देव! यह बालक है। पल्लीपति-वृद्ध! यह किसका पुत्र है?
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