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. ३३. निजुत्ता ते अत्या, जं बद्धा तेण होइ णिजुत्ती । तहवि य इच्छावेइ, विभासिङ् सुत्तपरिवाडी।।
आवश्यकनियुक्ति, गा. ८८ ३४. सूत्रार्थयोः परस्परं निर्याजनं - सम्बद्धनं नियुक्तिः ।
आवश्यक नियुक्ति, गा. ८३ ३५. निश्चयेन अर्थप्रतिपादिका युक्तिर्नियुक्तिः ।
आचारांगनियुक्ति १/२/१ (उद्धृत, जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा - देवेन्द्रमुनि, पृ. ४३६) ३६. आश्यक नियुक्ति पर अनेक टीकाएं लिखी गई हैं । इनमें से निम्नलिखित टीकाएं प्रकाशित हो चुकी हैं -
(क) मलयगिरिकृत वृत्ति आगमोदय समिति बम्बई १९२८,१९३२, सूरत १९३६ (ख) हरिभद्रकृतवृत्ति आगमोदय समिती बम्बई १९१६-१७ (ग) मलघारी हेमचन्द्रकृत प्रदेश व्याख्या .. (देवचन्द, लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, बम्बई १९२०) (ब) जिनभद्रकृत विशेषावश्यक भाष्य तथा उसकी मलधारी हेमचंन्द्रकृत टीका
(यशोविजय जैन ग्रन्थमाला बनारस बी. स. २४२७-२४४१) (ट) माणिक्यशेखर कृत आवश्यकनियुक्ति -दीपिका
(विजयदेवसूरीश्वर, सुरत, सन् १९३९-१९४९) (ठ) कोट्याचार्यकृत विशेषावश्यक भाष्य - विवरण
(ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था,रतलाम,स.१९३६-३७) (ड) जिनदासगणिमहत्तरकृत चूर्णि - (श्र. के. श्वे. संस्था रतलाम १९२८) (ढ) विशेषावश्यक भाष्य की जिनभद्रकृत स्वोपज्ञवृत्ति
(ला. द. विद्यामन्दिर, अहमदाबाद, १९६६)
जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भा. ३ द्वितीय प्रकरण पृ.७१ ३७. नियुक्ति - लघुभाष्य - वृत्युपेत बृहत्कल्पसूत्र (६ भाग)।
सम्पादक - मुनि चतुरविजय एवं पुण्यविजय, प्रकाशक - श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर,
सन् १९३३, १९३६, १९३८,१९३८, १९४२ ३८. नियुक्ति भाष्य - मलयगिरि विवरण सहित
संशोधक - मुनि माणेक, प्रकाशक - केशवलाल प्रेमचंद मोदी व
ध्यान साधना संबंधी जैन साहित्य
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