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________________ त्रिकमलाल उगरचंद, अहमदाबाद , वि. सं. १९८२-५ __ (उद्धृत जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भा. ३, पृ. २५२) ३९. नियुक्ति - भाष्य - द्रोणाचार्य सुत्रितवृत्तिभूषित प्रकाशक - शाह वेणीचन्द्र सुरचन्द्र, आगमोदय समिति सैलाना, सन् १९१९ ४०. इस भाष्य की हस्तलिखित प्रति मुनि श्री पुण्यविजय से प्राप्त हुई । यह वि. सं. १९८३ में लिखकर तैयार की है। (ऊद्धत : जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भा. ३, पृ.२७६) ४१. श्री विशेषावश्यकसत्का अमुद्रितगाथा : श्री नन्दीसूत्रस्य चूर्णिः हरिभद्रीया वृत्तिश्च - श्री वृषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, सन १९२८ नन्दीसूत्रम् चूर्णिसहितम् - प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी, सन १९६६ ४२. हरिभद्रकृत वृत्तिसहित , श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था, रतलाम सन् १९२.८ ४३. उपरोक्त संस्था, पूर्वभाग सन् १९२८, उत्तरभाग, सन १९२९ ४४. उपरोक्त संस्था, रतलाम, सन् १९३३ उपरोक्त संस्था, रतलाम, सन् १९३३ ४६. उपरोक्त संस्था, रतलाम, सन् १९४१ ४७. वही संस्था, रतलाम, सन १९४१ ४८. विषमपद व्याख्यालंकृत सिद्धसेनगणि सन्दृब्ध बृहचूर्णि समन्वित जीतकल्पसूत्र, संपादक - मुनि जिनविजय । प्रकाशक : - जैन साहित्य संशोधक समिति, अहमदाबाद -२, सन् १९२६ अहवा बितियचुनिकाराभिपाएण चत्तारि - जीतकल्पचूर्णि पृ. २३ __ उद्धत : जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भा. ३, पृ. ३१४ ५०. साय छव्विहा - जहा दसवेयालिए भणिया तहा भणियव्वा। प्रथम भा. पृ. २ (उद्धत : जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भा. ३) पृ. ३२१ ५१. सम्पादक:- उपा. अमरमुनिजी व मुनि कन्हैयालालजी प्रकाशक :- सन्मति ज्ञानपीठ, लोहामंडी, आगरा, जैन साधना पद्धति में ध्यान योग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002078
Book TitleJain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadarshanshreeji
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1991
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Dhyan, & Philosophy
File Size10 MB
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