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________________ Jain Education International वाहन भुजा संख्या संख्या यक्षी ७. (i) शान्ता-श्वे० परिशिष्ट चार आयुध वरदमुद्रा, अक्षमाला, (मुक्तामाला), शूल (या त्रिशूल), अभयमुद्रा, वरदमु I, अक्षमाला, पाश, अंकुश, (मन्त्राधिराजकल्प) घण्टा, त्रिशूल (या शूल) फल, वरदमुद्रा खड्ग, मुद्गर, फलक (या म तुलिंग), परशु वृषभ (ii) काली-दि० चार ८. (i) भृकुटि (या ज्वाला)-श्वे० वराह (या वराल या चार मराल या हंस) (ii) ज्वालामालिनी-दि० महिष आठ चक्र, धनुष, पाश (या नागपाश), चर्म (या फलक), त्रिशूल या (या शूल), बाण, मत्स्य, खड्ग वरदमुद्रा, अक्षमाला, कलश, अंकुश चार चार चार For Private & Personal Use Only वज्र, मद्गर (या गदा), फल (या अभयमुद्रा), वरदमुद्रा वरदमुद्रा, पाश (या नागपाश), फल, अंकुश चार ९. (i) सुतारा (या चाण्डा- वृषभ वृषभ लिका)-२० (ii) महाकाली-दि० कूर्म कूर्म १०. (i) अशोका (या गोमे- पद्म धिका)-श्वे० (ii) मानवी-दि० __शूकर (नाग) * ११. (i) मानवी (या श्री सिंह वत्सा)-श्वे० (ii) गौरी-दि० १२. (i) चण्डा (या प्रचण्डा या अश्व अजिता)-श्वे० (ii) गान्धारी-दि० पद्म (या मकर) चार चार फल, वरदमुद्रा, झष, पाश वरदमुद्रा, मुद्गर (या पाश), कलश (या वज्र या नकुल), अंकम, (या अक्षसूत्र) मुद्गर (या पाश), अब्ज, कलश (या अंकुश), वरदमुद्रा वरदमुद्रा, शक्ति, पुष्प (या पाश), गदा मृग चार चार चार www.jainelibrary.org चार या दो.. मुसल, पद्म, वरदमुद्रा, पद्म । पद्म , फल (अपराजितपृच्छा)..... १०५
SR No.002076
Book TitleKhajuraho ka Jain Puratattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaruti Nandan Prasad Tiwari
PublisherSahu Shanti Prasad Jain Kala Sangrahalay Khajuraho
Publication Year1987
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Art, & Statue
File Size10 MB
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