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________________ जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन 1 उन्होंने जैन धर्म को कभी कोई क्षति नहीं पहुंचायी । वलभी में आगम ग्रन्थों के संकलन से यह तो स्पष्ट होता ही है कि उस नगरी में अनेक जिनालय और उपाश्रय विद्यमान रहे होंगे । ई० सन् ६०९ के आसपास आचार्य जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण ने वलभी के एक जिनालय में 'विशेषावश्यकभाष्य' की रचना की ।२ शत्रुञ्जय और गिरनार तो इस समय प्रसिद्ध जैन तीर्थ थे ही, इसके साथ-साथ अनेक छोटे-छोटे तीर्थ भी अस्तित्व में आये, जैसे स्तम्भनक ( धामणा ), भृगुकच्छ, मोढ़ेरा, वढवाण, तारण (तारङ्गा), सिंहपुर ( सिहोर ), द्वारवती (द्वारका), शंखपुर ( शंखेश्वर ), स्तम्भतीर्थ ( खंभात ), खेटक, ( खेड़ा ), वायड आदि । जैन प्रबन्ध ग्रन्थों के अनुसार वलभी के नगरदेवता द्वारा निकट भविष्य में नगरी के भंग होने की सूचना पाकर वहां का जैन सघ मोढ़ेरा चला गया तथा बहां के जिनालयों की प्रतिमायें विभिन्न तीर्थस्थानों में सुरक्षा के लिये भेज दी गयीं । सातवीं शती के दो गुर्जर नरेशों जयभट्ट 'प्रथम' ( ई० सन् ६१०६२० ) और दद्द 'द्वितीय' ( ई० सन् ६२० ६४५ ) के दानपत्रों में उनके वीतराग और प्रशान्तराग विशेषण पाये जाते हैं । * यद्यपि ये नरेश जैन धर्मावलम्बी नहीं थे, परन्तु उन्होंने ये उपाधियां जैन धर्म के प्रभाव के कारण ही धारण की होगी ।" इस प्रदेश में चापोत्कट वंश के संस्थापक वनराज के जैन धर्म के साथ सम्बन्ध और उसके विशेष प्रोत्साहन के प्रमाण मिलते हैं । जैन परम्परानुसार इस वंश की नींव जैन आचार्य शीलगुणसूरि के सहयोग से ही डाली गयी थी । जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण, जिनदासगणि महत्तर, उद्योतनसूरि, शीलगुणसूरि, बप्पभट्टिसूरि, समदर्शी आचार्य हरिभद्र आदि इस युग के महान् जैना१. परीख और शास्त्री - संपा० गुजरातनो राजकीय अने सांस्कृतिक इतिहास, भाग ३, पृ० २५० २. वही, पृ० २५० - २५२ ३. वही, भाग ३, पृ० २५१ ४. मजमूदार, एम. आर. - क्रोनोलॉजी ऑफ गुजरात [ बड़ौदा, १९६०ई.] पृ० १६१, १६३ ५. जैन, हीरालाल - पूर्वोक्त, पृ० ४२ ६. परीख और शास्त्री - पूर्वोक्त, भाग ४, पृ० ३६९ Jain Education International For Private & Personal Use Only ४९ www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
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