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________________ जैनधर्म का प्रसार 'परम्परानुसार २२वें तीर्थंकर नेमिनाथ का उर्जन्तगिरि पर निर्वाण हुआ था ।' यद्यपि यह उस समय की गढ़ी हुई कल्पना भी हो सकती है जब जैनधर्म इस क्षेत्र में स्थापित हो चुका था। जहां तक ऐतिहासिक युग का प्रश्न है, विद्वानों की धारणा है कि आचार्य भद्रबाहु की दक्षिण यात्रा के समय ही यह क्षेत्र जैन धर्म के सम्पर्क में आया ।२ कुछ विद्वानों के अनुसार मौर्य सम्राट् सम्प्रति के भाई शालिशुक ने यहां जैन धर्म का प्रचार-प्रसार किया। कल्पसूत्र की स्थविरावली में आर्य सुहस्ति के शिष्य ऋषिगुप्त द्वारा संगठित सौराष्ट्रिका शाखा का उल्लेख मिलता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि ईसा पूर्व की तीसरी शती तक यह क्षेत्र जैन धर्म के प्रभाव में आ चुका था। ईसवी पूर्व की दूसरी शती में पश्चिमी भारत में जैन धर्म की लोकप्रियता के प्रमाण-स्वरूप महाराष्ट्र के पूना जिले के पाल नामक स्थान से प्राप्त एक अभिलेख का उल्लेख किया जा सकता है।" १. (i) अरह' अरिटुनेमी उज्जतसेलसिहरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं पंचहि छत्तीसेहिं अणगारस एहि सद्धि कालगए सिद्ध बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिनिव्वुडे सव्वदुक्खप्पहोणे ॥ ज्ञातृधर्मकथा (संपा० मधुकर मुनि, व्यावर, १९८१ई०)१६।२२४ (ii) तेणं कालेणं तेणं समएणं अरिहा अरिनेमी....... ...उज्जितसेलसिहरंसि पंचहिं छत्तीसेहिं अणगारसएहिं सद्धि मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं चित्ताहिं नक्खत्तेणं जोगमवागएणं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि नेसज्जिए कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । कल्पसूत्र [संपादक-देवेन्द्र मुनि शास्त्री, गुजराती ब्याख्या सहित, बम्बई, १९७२ ई०] १६८; इस सम्बन्ध में विस्तार के द्रष्टव्यमेहता, मोहनलाल एवं चन्द्र, के० आर०-संपा० प्राकृतप्रापरनेम्स भाग १, पृ० ६१ एवं जोहरापुरकर, विद्याधर-तीर्थवन्दनसंग्रह पृ० १२२ २. देव, एस० बो०-हिस्ट्री ऑफ जैन मोनाकिज्म पृ० ११० ३. वही, पृ० ९८ ४. कल्पसूत्र २१५ ५. जोहरापुरकर, विद्याधर-संपा०-जैनशिलालेखसंग्रह भाग-५, लेखाङ्क १; घोष, ए.--जैन कला और स्थापत्य खण्ड १, पृ० ९२ पाद टिपणीसंख्या १ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
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