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________________ २२ . ग्रन्थकार और ग्रन्थ का परिचय १२-वासुपूज्य चम्पापुरी। १३-विमलनाथ काम्पिल्य, सिंहपुर। १४-अनन्तनाथ मथुरा, द्वारिका, शाकपाणि । १५-धर्मनाथ रत्नवाहपुर। १६-शान्तिनाथ किष्किन्धा, लंका, पाताललंका और त्रिकूटगिरि १७-१८-कुन्थुनाथ और अरनाथ गङ्गा-यमुना का संगम (प्रयाग)। १९-मल्लिनाथ श्रीपर्वत। २०-सुव्रतनाथ भगुपत्तन, प्रतिष्ठान, अयोध्या , विन्ध्याचल और माणिक्यदण्डक । २१-नमिनाथ अयोध्या। २२-नेमिनाथ शोरीपुर, पाटलानगर, मथुरा, द्वारका, सिंहपुर, स्तम्भतीर्थ और शंखजिनालय । २३-पार्श्वनाथ अजाहरा, स्तम्भनक, फलोधी, करहेटक, अहिच्छत्रा, कलिकुंड-नागहृद, कुक्कुटेश्वर, माहेन्द्रपर्वत, ओंकारपर्वत, वाराणसी, महाकाल,. मथरा, चम्पा, मलयगिरि, विन्ध्या.. चल, हिमाचल, श्रीपुर, डाकुली-- भीमशङ्कर । २४-महावीर रामसैन,श्रीपर्वत, मोढेर, वायड़, खेड़, पाली,भातुण्टक, मुण्डस्थल, श्रीमाल पत्तन,उपकेशपुर, कुण्डग्राम, सत्यपुर, टंका, गङ्गाहृद, सरस्थान, वीतभय, चम्पा, पावा, पुण्ड्रपर्वत, नन्दिवर्धन, कोटिभूमि, राजगृह,, कैलाश. और रोहणाचल ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
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