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२०
१४ - कपर्दियक्षकल्प
१५ - कुंडुंगेश्वरनाभेय देवकल्प १६ - कोल्लपाकमाणिक्यदेवकल्प १७ - कोकावसतिपार्श्वनाथकल्प १८- कौशाम्बी नगरीकल्प
१९ - चतुरशीतिमहातीर्थनामसंग्रहकल्प
२० - चम्पापुरीकल्प २१ - ढींपुरी कल्प २२- नन्दीश्वरद्वीपकल्प
२३ - नासिक्यपुरकल्प
२४ - पाटलिपुत्रनगरकल्प २५ – स्तम्भनकपार्श्वनाथकल्प
२६ - प्रतिष्ठानपुरकल्प २७ - फलवद्धिपार्श्वनाथकल्प
२८ - मिथिलापुरीकल्प
२९ - मथुरापुरीकल्प
३० - रत्नवाहपुरकल्प ३१ - वैभारगिरिकल्प ३२- शंखेश्वरपार्श्वनाथकल्प
३३ - वाराणसीनगरीकल्प
३४ – शत्रुञ्जयकल्प
३५ - शुद्धदन्तीस्थित पार्श्वनाथकल्प
३६ - श्रावस्ती नगरी कल्प
ग्रन्थकार और ग्रन्थ का परिचय
३७ - श्रीपुरअन्तरिक्षपार्श्वनाथकल्प
३८ - सत्यपुरतीर्थकल्प
३९ - हरिकंखीनगरस्थित पार्श्वनाथकल्प
४०- हस्तिनापुरकल्प ।
इनमें से पावापुरी, अष्टापद, कन्यानयनीय, ढींपुरी और हरितनापुर के दो-दो कल्प हैं । प्रतिष्ठानपुर के तीन कल्प हैं तथा गिरनार पर चार कल्प हैं, अतः ६२ में से १२ निकल जाने पर ५० तीर्थं बचे और उनमें भी तीर्थंकरअतिशय विचार, पंचकल्याणकस्तव, पंचपरमेष्ठीकल्प,
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