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________________ जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन परम्परा के अन्तर्गत तिलोयपण्णत्ति तथा पुराणों एवं कथा साहित्य में ऐसे तीर्थों के सम्बन्ध में छिट-फूट सामग्री प्राप्त होती है। जहां तक तीर्थों के सम्बन्ध में स्वतन्त्र रचनाओं का प्रश्न है, इनका प्रारम्भ ११वीं शती से पूर्व नहीं माना जाता । इस सम्बन्ध में सर्वप्रथम कृति, जिसमें कुछ जैन तीर्थों का उल्लेख है, वह है महाकवि धनपाल (११ वीं शती) द्वारा रचित 'सत्यपुर महावीर जिनोत्साह'।' इसी प्रकार वि० सं० ११२३/ई० सन् १०६७ में सिद्धसेनसूरि द्वारा रचित सकलतीर्थस्तोत्र में अनेक तीर्थों का नामोल्लेख है । वि० सं० १२४१/ई० सन् ११८४ में अंचलगच्छीय महेन्द्रसूरि द्वारा रचित अष्टोत्तरी तीर्थमाला भी तीर्थों के सम्बन्ध में हमें महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। ई० सन् के तेरहवीं-चौदहवीं शती में लिखे गये प्रबन्ध ग्रन्थ भी तीर्थों के सम्बन्ध में आधारभूत सामग्री प्रदान करते हैं। महामात्य वस्तुपाल एवं तेजपाल के समय लिखे गये ग्रन्थों में उनके द्वारा तीर्थों पर सम्पन्न कराये गये निर्माण एवं पुननिर्माण, दानादि का विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। इस सम्बन्ध में जिन ग्रन्थों का उल्लेख किया जा सकता है, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-- ग्रन्थ १-कीर्तिकौमुदी २-सुकृतसंकीर्तन ग्रन्थकार महाकवि सोमेश्वर अरिसिंह रचनाकाल वि० सं० १२७८ वि० सं० १२८८ १. जैन साहित्य संशोधक वर्ष ३, अंक ३, पृष्ठ २४१-२४३ २. डिस्क्रिप्टिव कैटलाग ऑफ मैन्युस्क्रिप्ट्स इन द जैन भण्डार्स ऐट पाटन [बडोदरा, सन् १९३७ ई.] पृ० १५५-१५६ ३. विधिपक्षीयपंचप्रतिक्रमणसूत्राणि में प्रकाशित ४. द्रष्टव्य प्रभावकचरित प्रभाचन्द्राचार्य-रचनाकाल वि० सं० १३३५] प्रबन्धचिन्तामणी (नागेन्द्रगच्छीय मेरुत्तुंग रचनाकाल-वि०सं० १३६२) पुरातनप्रबन्धसंग्रह (रचनाकाल-वि० सं० की १४वीं-१५वीं शती) प्रबन्धकोश (मलधारगच्छीय राजशेखरसूरि, रचनाकाल वि०सं० १४०५) उक्त चारों ग्रन्थ मुनि जिनविजय द्वारा संपादित एवं सिंघी जैन ग्रन्थ. माला के अन्तर्गत प्रकाशित हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
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