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जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन
७३ इसी प्रकार कुछ ऐसे तीर्थों की भी चर्चा है जिनकी भौगोलिक स्थिति के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिलती है, यथाकुक्कुटेश्वर, क्रौंचद्वीप, महानगर, माणिक्यदण्डक, मोक्षतीर्थ, पाताल लंका, सरस्थान, हंसद्वीपं आदि । प्रस्तुत ग्रन्थ में केवल उन्हीं तीर्थों का अध्ययन किया गया है, जो आज देश की सीमा के अन्तर्गत स्थित हैं और जिनकी भौगोलिक स्थिति भी प्रायः ज्ञात है ।
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