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[ जैन धर्म का मौलिक इतिहास-भाग ४ निसिज्जा आसण, हवइं एकमाहिं प्रतिमा केणई प्रकारई कीजइ ? ) सिद्धान्त माहिं किम कहिउं छइ ? ते देखाड़उ, एह अठावीसमु बोल । २६. प्रोगणत्रीसमु बोल :
__ हवइं ओगणत्रीसमु बोल लिखीइ छइ । प्रतिमा त्रिणि कालमाहि केहइ कालि पूजीइ ? सिद्धान्त माहिं किम कहिउं छइ ? एह प्रोगुणत्रीसमु बोल। . ३०. त्रीसमु बोल :
हवइ त्रीसमु बोल लिखइ छइ । प्रतिमा पूजतां किहां फूल चढइ, अनइ वली प्रतिमानइं शुचि करीनई वस्त्र धोयां पहिरीनइं, सोनाना नख करीनई आपणइ हाथई फूल चुटीइ, किं वा माली पाइं अणावीइ, अनइ आगमिआ इम कहइ छइं“सचित्त फूले प्रतिमा न पूजीइ।" ए त्रिहुं प्रकार माहिं सिद्धान्त माहिं किहु प्रकार कह्य छइ ? एह त्रीसमु बोल । ३१. एकत्रीसमु बोल :
- हवइ एकत्रीसमु बोल लिखीइ छइ । प्रतिमा चउवीस माहि केही प्रतिमा मूलनायक कीजइ, केही वड़ी केही लुढी ? मूलनायक नी आभरण सूकडि भोग फूल घणां चढइ अनइ बीजी प्रतिमानइं थोड़ा चढ़इ, मूलनायकनी प्रतिमा ठाकरथइ बैठी, बीजी प्रतिमा पाखती बइठी, मूल नायक नी प्रतिमा उंचइ आसणि बइसारीइ । तीर्थंकर सधला सरखा तु एवडु अन्तर कांइ करइ ? एह एकत्रीसमु बोल । ३२. बत्रीसमु बोल :
हवइ बत्रीसमु बोल लिखीइ छइ । तीर्थकरनु शरीर ऊंच उं, जघन्यइ सात हाथ प्रमाण, उत्कृष्टउ पांच सइ (५००) धनुष प्रमाण एह प्रमाण माहिं प्रतिमा केहइ प्रमाणइं करावीइ ? किम कहिउं छइ ? एह बत्रीसमु बोल । ३३. तेत्रीसमो बोल :
हवइ तेत्रीसमु बोल लिखीइ छइ । प्रतिमा अणप्रतिष्ठी पूजतां स्युहुइ ? अनइ प्रतिष्ठयां पठइ पूजतां स्यु हुई ? प्रतिष्ठी प्रतिमा माहिं कीहा गुण आव्या ज्ञान ना, दर्शनना, चारित्रना, तपना ? पूजनीक तउ गुण बोल्या छई। प्रतिमा प्रतिष्ठ्यां पूठई केहा गुण आव्या ? जेहवी अणप्रतिष्ठी हती तेहवी दीसइ छइ। एह तेत्रीसमु बोल । ३४. चउत्रीसमु बोल :
हवइ चउत्रीसमु बोल लिखीइ छइ । प्रतिमा आगलि ढोइ छइ-धान, फूल, वस्त्र, सोना, रूपा, बलि बाकुला पकवान, तेह मालीनइ आपीइ, के नापीइ ? तेह
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