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________________ ५५२ ] [ जैन धर्म का मौलिक इतिहास-भाग ४ तथा कामणा, उच्चाटण, वशीकरणादि सूत्रइ निषेध्या छइ, अनइ इहां करवा बोल्या छइ ।।१२।। तथा सूत्रई काचां फल, कांचु जल निषेध्यउं छइ, अनइं चूरिण मध्ये लेवू कह यु छइ, ते लेतां दोष नथी । वली इम कह यु छइ-गीत गायवा भणी पाकु तांबूल पत्र खात तउ निर्दोष कह यु-ए विचारवु । इत्यादि घणां विरुद्ध छइ, डाहो होइ ते विचारइ । ए पूर्वइं सर्व अधिकार लिख्या छइं, ते निशीथ चूणि मध्ये धुरि पीठिका मांहिं छइ ।।१३।। तथा निशीथ सूत्र नां प्रथम उद्देशक मध्ये सूत्र मांहिं मैथुन एकांति निषेध्यु छइं अने तेहनी चूणि मध्ये चउथा व्रत नइ पणि अपवादई सेववा नां प्रकार कह या छइ । डाहो हुयइ ते विचारयो (ज्यो) । एहवा चूरिंग मध्ये घणां विरुद्ध छइ ।।१४।। तथा साध्वी नइ पणि अपवादि चउथा व्रत पाश्री सेववानी घणी फजेती कही छइ, डाह यो होइ ते एहवी फजेती किम सद्दहइ ।।१५।। तथा सूत्र मध्ये सचित्त फूल फल निषेध्या कह या छइ, चूणि मध्ये सचित्त फूल स॒घवा कह या छइ ।।१६।। तथा सूत्र मध्ये छः काय विराधना करवी निषेधी छइ, अनइ ईहां चुरिण मध्ये उपाश्रयइ पाणी नउ मार्ग करइ तिहां छः काय नी विराधना लागइ तउ परिण शुद्ध, ए न करइ तउ दोष इम कहिजे छइ ।।१७।। तथा उद्देशा २ नी चूणि मध्ये दुक्कालि भत्तादिक अदत्ता लेवउ कहउ छइ, अनइ सूत्र मध्ये अदत्त निषेध्युछइ । डाहो होई ते विचारयो ।।१८।। तथा सूत्र मध्ये स्नान सर्वथा निषेध्यु छईं, इहां चूरिण मध्ये स्नान करतां लाभ देखाड्यो छइ ।।१६।। तथा सूत्र मध्ये खासडां पहिरवां चारित्रयां नई निषेध्या छइ, चूणि मध्ये ।। पहिरवां बोल्या छइ, लोक देखइ तिहारइं उतारि गांम मांहिं पइसइ ।।२०।। तथा चतुर्थोद्देशके सूत्र मध्ये पाखा कण निषेध्या छइ, ऐहनी चूणि मध्ये अपवादि लेवा-वैद्य नइ उपदेशई गिलाण भोगवइ, भात अणलाधइ मार्गे पाखा करण भोगवइ तथा दुक्कालि-“कसिगोसही गहरणं करेज्ज" एहवा विरुद्ध डाह यो होइ तो किम सद्दहइ ।।२१।। अथ पंचमोद्देशकई सूत्रइं अनन्तकाय लेवो निषेधी छइ, एहनी चूणि मध्ये "सावयभयनिवारण?" उपधि सरीर वहवानई अर्थई तेग प्रतिनीक श्वानादि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002074
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1995
Total Pages880
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size16 MB
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