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[ जैन धर्म का मौलिक इतिहास - भाग ४
६७. जिनलाभसूरि ६८. जिनचन्द्रसूरि ६६. जिनहर्षसूरि
७०. जिनमहेन्द्रसूरि ( आपके समय में शिथिलाचार और साम्प्रदायिक विद्वेष अपनी पराकाष्ठा पर पहुंच गया था । इस सम्बन्ध में इसी प्रकरण में पहले पर्याप्त प्रकाश डाला जा चुका है । आपका जन्म विक्रम सम्वत् १८६७ में और प्राचार्यपद वि० सं० १८६२ में जोधपुर नगर में मरुधर नरेश महाराजा मानसिंह जी के राज्य काल में हुआ । )
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