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________________ ४५४ ] [ जैन धर्म का मौलिक इतिहास-भाग ४ महमूद गोर का सुलतान बना। उसी वर्ष विक्रम सम्वत् १२६३ में कुतुबुद्दीन ऐबक ने गोर के नये सुलतान गयासुद्दीन से सभी प्रकार के राजचिन्ह प्राप्त कर लिये और विधिवत् दिल्ली के राजसिंहासन पर बैठकर अपने आपको हिन्दुस्तान का पहला मुसलमान सुलतान घोषित किया। वि० सं० १२६७ में घोड़े से गिर जाने के कारण कुतुबुद्दीन ऐबक लाहौर में मर गया और उसका पुत्र आरामशाह दिल्ली के तख्त पर बैठा। कुछ समय पश्चात् उसी वर्ष में कुतुबुद्दीन के गुलाम शमशुद्दीन अल्तमस ने आरामशाह को दिल्ली के तख्त से च्युत कर दिया और वह स्वयं दिल्ली का सुलतान बन गया। ___ शमशुद्दीन अल्तमस ने दिल्ली के तख्त पर आसीन होने के अनन्तर अनेक राज्यों पर आक्रमण किये। उसने रणथम्भौर, सांभर, सवालक, मण्डौर और जालौर पर चढ़ाइयां की और युद्ध में विजय प्राप्त कर इन राज्यों के राजाओं को अपना वशवर्ती राजा बनाया । उसने मेवाड़ राज्य पर भी आक्रमण किया किन्तु ज्योंही उसने नागदा नगर को ध्वस्त किया, त्योंही मेवाड़ के तत्कालीन राजा जैत्रसिंह ने उस पर भीषण प्रत्याक्रमण कर उसे युद्ध में बुरी तरह परास्त कर दिया। अपने जन-धन की भीषरण क्षति एवं पराजय से प्रपीड़ित हो शमशुद्दीन अल्तमस अपनी बची-खुची सेना के साथ मेवाड़ से भाग खड़ा हुआ । जैत्रसिंह से पराजित होने के पश्चात् शमशुद्दीन अल्तमस ने अपने जीवनकाल में राजपूताने की अोर मुह तक नहीं किया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002074
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1995
Total Pages880
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size16 MB
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