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सामान्य श्रुतघर काल खण्ड २ ] सिद्धराज जयसिंह
[ ३६३ हेमचन्द्रसूरि और जिनवल्लभसूरि के पट्टधर दादा जिनदत्तसूरि ये तीन महान् जिनशासन प्रभावक युगपुरुष हुए। महाराज सिद्धराज जयसिंह की राजसभा में उनके (जयसिंह के) नाना कर्णाटक नरेश जयकेशी के राजगुरु दिगम्बराचार्यवादी चक्रवर्ती कुमुदचन्द्र के साथ देवसूरि का शास्त्रार्थ हुआ। सिद्धराज जयसिंह की न्यायप्रियता का यह एक आदर्श एवं ऐतिहासिक उदाहरण था कि उन्होंने अपने नाना के राजगुरु आचार्य कुमुदचन्द्र के साथ हुए शास्त्रार्थ में श्वेताम्बराचार्य देवसूरि को विजयी घोषित करते हुए उन्हें बड़े समारोह के साथ जयपत्र प्रदान किया।
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