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श्रमण भ0 महावीर के ४९ वें पट्टधर आचार्य
श्री जयसेन
जन्म
वीर नि० सं० १४२० दीक्षा
वीर नि० सं० १४६५ आचार्यपद
वीर नि० सं० १४६४ स्वर्गारोहण
वीर नि० सं० १५२४ गृहवास पर्याय
४५ वर्ष सामान्य साधु पर्याय
२६ वर्ष प्राचार्य पर्याय
३० वर्ष पूर्ण संयम पर्याय
५६ वर्ष पूर्ण आयु
१०४ वर्ष वीर नि० सं० १४९४ में प्राचार्य श्री ऊमण ऋषि के स्वर्गारोहण के अनन्तर चतुर्विध संघ ने आगम-मर्मज्ञ, श्रमणोत्तम श्री जयषेण ऋषि को भगवान् महावीर के ४६वें पट्टधर आचार्य पद पर अभिषिक्त किया।
आपने भी अपनी ३० वर्ष की प्राचार्य-पर्याय में चतुर्विध संघ की उल्लेखनीय सेवाएं कीं और द्रव्य-परम्पराओं के सार्वत्रिक प्रचार-प्रसार के उपरान्त भी आपने श्रमण भ० महावीर द्वारा तीर्थप्रवर्तन काल में स्थापित की गई चतुर्विध संघ की मूल मर्यादाओं को अक्षुण्ण बनाये रख कर प्रभु महावीर की मूल परम्परा के प्रवाह को अवरुद्ध नहीं होने दिया।
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