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[ जैन धर्म का मौलिक इतिहास---भाग ३
ज्ञान सम्बन्धर ने प्राशुतोष शंकर के ध्यान के साथ राजा को रोगमुक्त करने के प्रयास प्रारम्भ किये और सब के देखते-देखते ही झुकी हुई कमर वाले पाण्ड्य नरेश को पूरी तरह सीधा खड़ा कर पूर्णतः रोगमुक्त करते हुए उन्हें कुब्ज पाण्ड्य से सुन्दर पाण्ड्य बना दिया।
सुन्दर पाण्ड्य ने पण (शर्त) के अनुसार रोग से मुक्ति दिलाने वाले ज्ञानसम्बन्धर को अपना धर्मगुरु बनाते हुए स्वयं ने भी विधिवत् शैवधर्म अंगीकार कर लिया।
सुन्दर.पाण्ड्य को जैनधर्मावलम्बी से शैवधर्मावलम्बी बना लेने के पश्चात् राजा और प्रजावर्ग के मन पर ज्ञानसम्बन्धर का पर्याप्त प्रभाव पड़ा। ज्ञानसम्बन्धर ने पोण्ड्यराज की महारानी (चोलराजपुत्री) और पाण्ड्यराज के महामन्त्री के साथ मन्त्रणा कर जैन मुनियों को अपने धर्म की महानता सिद्ध करने की चुनौतियों पर चुनौतियां दी और अपनी पक्षधर राजसत्ता के बल पर पणपूर्वक जैनों के साथ चमकारिक द्वन्द्व किये । उन धार्मिक द्वन्द्वों में जनों को पराजित कर पेरिय पुराण एवं जन-संहार चरितम् प्रादि शैव साहित्य के उल्लेखानुसार मदुरा में ५००० जैन श्रमणों को सुन्दर पाण्डय को प्राज्ञा से पानी में पिलवा दिया गया। इस तरह ज्ञानसम्बन्धर के निदेशन में शवों ने जैन मठों और जैन मन्दिरों को नष्ट करना और जैनधर्मावलम्बियों को बलात् धर्मपरिवर्तन कर शैव बनाना प्रारम्भ किया।
उधर अप्पर नामक शैव सन्त ने पल्लवराज महेन्द्रवर्मन को जैन से शैवधर्मावलम्बी बना कर उसके सहयोग से कांची में ज्ञानसम्बन्धर के समान ही सामूहिक संहार, बलात् सामूहिक धर्मपरिवर्तन, मठ-मन्दिर-वसदि प्रभृति जैन . धर्मस्थानों के विध्वंसन आदि के रूप में जैनधर्मावलम्बियों पर अनेक प्रकार के अत्याचार करने प्रारम्भ किये।
इन सबका परिणाम यह हुआ कि बहुत से जैन प्राण बचाने के लिये मदुरा और कांची नगर से भाग कर अन्यत्र चले गये। पीछे रहे जैनों में से अधिकांश को बलात् शैवधर्मावलम्बी बना दिया गया और जिन लोगों की धर्म पर अट्ट प्रास्था थी और जो धर्म को प्राणों से भी प्रिय मानते थे उन जैनों को इन दोनों शैव सन्तों के अनुयायियों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया।
जैन धर्म पर यह एक ऐसा प्रहार था, जिसे धार्मिक विप्लव कहा जा सकता है। इस धार्मिक विप्लव से जैन धर्म की, तमिलनाड में सदियों से गहराई से जमे हुए जैन संघ की अपूरणीय क्षति हुई जिसकी पूर्ति लगभग १३ शताब्दियों की सुदीर्घ कालावधि के व्यतीत हो जाने पर भी अद्यावधि नहीं हो पाई है।
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