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जिन शक्तियों ने मानव इतिहास के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक अथवा किसी भी क्षेत्र को प्रभावित कर उन्हें सुन्दर स्वरूप देने में योगदान दिया है, उन सब शक्तियों में धर्म ने संभवतः सर्वाधिक सर्वव्यापी प्रभावशाली योगदान दिया है। धर्मों में भी अहिंसा धर्म वस्तुतः मानव का सर्वोत्कृष्ट सर्वाधिक सशक्त आविष्कार है । इन सब तथ्यों के संदर्भ में विचार करने पर आज की ज्वलन्त समस्या को हल करने में सहअस्तित्व एवं सामाजिक-सांस्कृतिक समानता के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिये धर्म का और धर्म में भी विशिष्ट रूप से अहिंसा धर्म का महत्व सर्वाधिक सर्वोपरि सिद्ध होता है। ।
आचार्य श्री के अथाह चिन्तन-मनन, अथक् परिश्रम और अनमोल मार्ग दर्शन ने " "जैन धर्म का मौलिक इतिहास" नामक ग्रन्थमाला के रूप में जो प्रेरणादायी बहुमूल्य देन जैनधर्म और जैन इतिहास को प्रदान की है, उसके लिए हम परम पूज्य आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा. के प्रति मन के अन्तस्तल से अगाध कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
दृष्टि में
हम आशा करते हैं कि इस इतिहास माला के सभी भागों के साररूप में पृथक्शः एक ग्रन्थ का प्रकाशन भी करवाया जायेगा, जिससे कि बहुत बड़ी संख्या में इतिहास प्रेमी लाभान्वित हो सकें। इन सभी भागों के आंग्ल भाषा में भी संस्करण प्रकाशित करवाये जायं तो देश-विदेश के विभिन्न भाषा-भाषी निवासियों की एतद्विषयक बहुत बड़ी आवश्यकता की पूर्ति होगी 197
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यह डॉ. साहब के मूल अंग्रेजी का हिन्दी रूपान्तर है। मूल अंग्रेजी पाठ प्रस्तुत ग्रन्थ के 'परिशिष्ट' में देखें ।
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डा. दौलत सिंह कोठारी
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