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________________ ८२ प्राकृत वाक्यरचना बोध खाएगा ? घी रहित फूल का जल्दी पचता है । यात्रा में लोग पूरी अधिकांशतया खाते हैं। मोठ की रोटी गुण से शीतल होती है। मक्की की रोटी मेवाडवासी अधिक खाते हैं। चने की रोटी पंजाब में बहुत लोग खाते हैं। उड़द की रोटी आजकल कम लोग खाते हैं। आजकल बिस्कुट घर-घर में मिलता है । डबल रोटी समय के बाद खट्टी भी हो जाती है। धातु का प्रयोग करो अच्छे आदमी दूसरों का अवगुण नहीं चुनते । वह कभी आंखें खोलता है, कभी बंद करता है। तुम्हारा सिर क्यों फटता है? मुझे तुम्हारे व्यवहार पर क्रोध आता है। दोनों मित्र प्रात: प्रतिदिन घूमते हैं। क्या कारण है आपका समारोह अच्छी तरह संपन्न होता है ? अव्यय का प्रयोग करो आप अपने घर में कितने समय तक ठहरेंगे? आदमियों की प्रकृति नाना प्रकार की होती है । जहां तुम रहते हो वहां और कौन रहता है ? तुम्हारा कथन सत्य है यह एकांत रूप से मैं नहीं कह सकता। उसकी गाय गांव के बाहर गई है। क्या तुम्हारा भाई इधर से नहीं जाएगा? हां, मैं वहां गया था। प्रश्न १. अकार को इस पाठ में क्या-क्या आदेश हुआ है ? प्रत्येक आदेश के एक-एक उदाहरण दो। २. मिरिअं, विसमइओ, उत्तिमो, हीरो, छत्तिवण्णो, मज्झिमो-इन शब्दों में किस नियम से क्या आदेश हुआ है ? ३. रोटी, रोट, वाटी, फुलका, पूरी, मोठ की रोटी, मक्की की रोटी परोठा , विस्कुट, चने की रोटी, उडद की रोटी, डबल रोटी, मैदा, चने का आटा, सत्तू, गूदा हुआ वासी आटा----इन शब्दों के लिए प्राकृत शब्द बताओ। ४. पितृ और भर्तु शब्द के रूप लिखो। ५. चिण, निमील, कुप्प, उम्मिल्ल, फुड, अट्ट, संपज्ज, अहिलस धातु के __ अर्थ लिखो। ६. केवच्चिरं, बहिद्धा, एगंततो, आम---इन अव्ययों का वाक्य में प्रयोग करो। ७. पठें, आवेढणं, पंजिआ, धणाएसो, छुहामूली, मच्छंडी कक्कवो इन शब्दों का हिन्दी में अर्थ बताओ और प्राकृत में वाक्य बनाओ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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