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________________ स्वरादेश (२) अकार को आवेश शब्द संग्रह (मिठाई वर्ग) इमरती (अमिया) (सं) पेडा-पिण्डो वर्फी-हेमी (सं) रबडी-कुच्चिया (सं) गुलाबजामुन-दुद्धपूअलिया (सं) कलाकंद-कलाकंदो (सं) रसगुल्ला-रसगोलो (सं) घेवर-घयपुन्नो, घेउरो गजक---गजओ (सं) पपडी-पप्पडी खाजा-महुसीसो (सं) , मोहनभोग-मोहणभोगो (सं) लड्डू-लड्डूओ, मोदओ (सं) जलेबी-कुंडलिणी (सं) मालपुआ-अपूयो कसार-कसारो गुज्झिया-संयावो, गोझिया बालूशाही-महुमंठो शक्करपारा--सक्करावालो पेठे की मिठाई-कोहंडी हलवाई--कन्दवियो मिठाई—मिट्ठन्नं होटल----पण्णभोयणालयो (सं) धातु संग्रह विहर---विहार करना, घूमना डस (दंस)–डसना पगब्भ-शेखी मारना. अमराय-अपने को अमर समझना कत्थ-कहना फुट्ट-स्फुट होना विचित--चिंतन करना विध-बींधना, छेद करना अइवाअ--अतिपात करना, विसीअ-खेद करना, खिन्न होना हिंसा करना अव्यय संग्रह केवलं (केवलं)-सिर्फ, केवल, सव्वत्थ (सर्वत्र)-सब स्थानों से मझे (मध्य)-बीच में सक्खं (साक्षात्)-प्रत्यक्ष । सययं (सततं)-निरन्तर चिरं (चिरं)-चिरकाल तक कत्थइ (कुत्रचिद्)-कहीं, किसी जगह राजन् शब्द के रूप याद करो देखो-परिशिष्ट १ संख्या १४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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