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प्राकृत वाक्यरचना बोध
भगवान से प्रार्थना करता है कि मेरे अवगुण पर ध्यान न दें। पिता पुत्र को प्रदेश प्रस्थान कराता है। वह अपने वस्त्रों को ठीक करता है। रमा पुराने वस्त्रों को कतरती है । वह तुम्हारी तन मन से सेवा करता है । मुनिसुव्रत रात को जगने के लिए जोर से बोलकर ४ बजे की सूचना देता है । अव्यय का प्रयोग करो
१. गुरु के बिना ज्ञान अपूर्ण है । तुम यहां आए हो इसलिए मैं तुम्हें यह पुस्तक देता हूं। सब समय सजग रहो । बिना विचारे मत बोलो। तुम हंसते हो अथवा बोलते हो । क्या वह मूर्ख है ? शहर के चारों ओर खेत हैं। आश्चर्य ! आप यह कार्य न कर सके । मकान के नीचे मकान है । यदि तुम मुझे ज्ञान दोगे तो मैं तुम्हारा उपकार मान गा । तुम्हारी परीक्षा हो गई।
प्रश्न १. ज, त, क, ए, अ, इम और अमु शब्द के नपुंसक लिंग के रूप
बताओ ? २. संफासो, आरुग्गं, तीसो, सुत्तागमो, पक्खिरं, पासुपाणी, पमज्जणी,
पच्चक्खामि, मित्ती, वासं, सज्झाओ, हासो, वीसामो, अप्पाणं-किस नियम से इनको ह्रस्व या दीर्घ हुआ है। ३. चीनी, खांड, गुड, शक्कर, चासनी, शरबत, आर्द्रगुड, साल मिश्री के
लिए प्राकृत शब्द बताओ? ४. अम्मो, अहत्ता, णाई, अण, अभितो, चे, अलं-इन अव्ययों का अर्थ
बताते हुए वाक्य में प्रयोग करो। ५. विनती करना, प्रक्षालन करना, भेजना, निकालना---इन अर्थ में
कौनसी धातु इस पाठ में आई है।
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