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व्यंजन संधि (अनुस्वार)
कचहरी नायालयो
जज ---
नायगरो
वादी - वाई (वि)
साक्षी, गवाह सक्खि (वि) जामिनदार - पडिभू (वि) पाहुओ (वि)
सजा ---
शब्द संग्रह ( न्यायालय वर्ग )
अर्जी -- आवेयणपत्तं
- दण्डो
बयान -- उवसत्ती (सं)
अनुवाद - अणुवायो न्याय- -नायो
अपील ---- पुणरावेयणं
इकरारनामा --पइण्णापत्तं ( सं )
निवज्ज-बैठना
निवज्ज- - लेट जाना, सोना
उक्कुद्द — कूदना, उछलना निवेस - बैठना
वकील - वायकीलो ( वाक्कील: ) दफ्तर -- अक्ख पडलो (सं) प्रतिवादी - पडिवाई (वि) गवाही --सक्ख, सक्खिज्जं -णासो घूस - उक्कोडा (दे.) - उक्कोया मुकदमा --- अभिओगो (सं) जिस पर दावा किया गया हो
जमानत ---
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घूस लेकर कार्य करने वाला-
फैसला णिष्णयो
धातु संग्रह
पsिaक्खियो
उक्कोडिय (वि)
निवज्ज - नीपजना, निष्पन्न होना अवसीय - - दुःखपाना छिंद-छेदना किलिस्स-क्लेशपाना
अव्यय संग्रह
दिवारतं ( दिवारात्र) - दिनरात पडिरूवं ( प्रतिरूपं ) - समान परंमुह ( पराङ्मुखं ) – विमुख पायो, पाओ, ( प्रायः ) -- प्रायः पुरत्या ( पुरस्तात् ) -- आगे, सम्मुख पुहं, पिहं (पृथक् ) —अलग स्त्रीलिंग के जा, सा, का, असु, इमा, एआ शब्द याद करो । देखो - परिशिष्ट
१ संख्या ४४ व ४५ ख, ४६ ख, ४६ ख, ४७ ख ४८ ख,
व्यंजन संधि--पद के अंत में होने वाले व्यंजन अथवा मध्यवर्ती व्यंजन में होने वाले परिवर्तन को व्यंजन संधि कहते हैं ।
नियम १३ ( मोनुस्वारः ११२३ ) अंत में होने वाले मकार को अनुस्वार हो जाता है ।
पद का अंतिम म् 7 अनुस्वार जलम् -- जलं, फलम् - फलं, वच्छम् वच्छं
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