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परिशिष्ट ६ : एकार्थक धातुएं . धातुओं का अर्थ हिन्दी के अकारादि कम से
(कोष्ठक में संख्या पाठ की सूचक है)
अ
अवगाहन करना-ओवाह, ओगाह अटकाना--पडिबंध (७६) रुंध (८३) (१०७) अतिक्रमण करना-अइक्कम (३४) अवज्ञा करना हील (६१) अतिपात करना-अइवाअ (२५) अवलोकन करना-देखो देखना अदृश्य होना-तिरोहा (५८) अवसाद पाना-अवसीअ (१०१) अनुताप करना-अणुतप्प (३१) अश्व को कवच से अनुभव करना-पच्चणुभव (७०) सज्जित करना-पक्खर (६८) पडिसंवेय (७६)
अस्फुट आवाज करना-सिज (६२) अनुराग करना--रज्ज (८२) अहंकार करना-थब्भ (५४) अनुसरण करना--पडिअग्गा, अणुवच्च
आ (१०३)
आक्षेप करना-णीरव, अक्खिव अन्तर्हित करना-तिरोहा (५८)
(१०५) अन्यथा करना-कूड (४७) अपने को अमर समझना-अमराय
आक्रमण करना अक्कम (३४) (२५)
ओहाव, उत्थार, छन्द (१०५) अपमान करना-अवमन्न (३०)
आक्रोश करना-अक्कोस (१४) संजल अभिमान करना- मज्ज (५२)
(३१)पडिकोस (७४) अभिलाषा करना-अहिलस (२४)
आचमन करना-आयम (४२) अभिषेक करना-अइंच (५७)
आचरण करना-समायर (३१) अभ्यास करना—सील (६३)
आयर (४२) अर्चा करना (अर्चना करना)-अरिह आच्छादन करना--थय (५४) पक्खोड (८)
(६७)पडिपेहा (७५) अर्जन करना-अज्ज (३३) आच्छोटन करना-देखो झाडना अर्पण करना-पडिणिज्जाय (७५) आज्ञा करना-देव (५६) अलग होना-देखो टूटना
आतापना लेना-आयाव (४३) अवकाश पाना--ओवास (१०१) आदत डालना-देखो अभ्यास करना
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