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________________ देश्य शब्द ३६ कटार घडो बोर राजस्थानी भाषा के समान प्राकृत शब्द राजस्थानी प्राकृत राजस्थानी घर घर गोर गोर खड्डा खड्डा गडवड गडवड-गोलमाल काहार कहार कटार पत्थर पत्थर वेरूण वेरूण कलस कलस घडो सिंघ सिंघ बोर उच्छह उच्छाह प्रयोग वाक्य . दसू न कायव्यो। सीयलणाहस्स दाढियाए लोमाइं न संति । तुमे दवरियाए किं कज्ज कीरइ । कस्स दालिअम्मि पीडा विज्जइ ? तुज्झ गामे को दिअलिओ अत्थि ? तस्स पडिच्छंदम्मि दुगंध आआइ । थेरेण तस्स पडिभेयो कओ। राओ पडालीइ अम्हे सयामो। दारद्धताए मम वत्थाई संति । तुमे अज्ज दिअहुत्तं महगिहे कायव्वं । पडलगम्मि केवलाई फलाइं संति । तेणं पडिखद्धो अयं पुरिसो अत्थि । सो संथारयं अच्छुरइ । कुसुमो जलेणं अंगोहलइ । बालो मुहा अल्लइ। तुम कहं न अक्कोसेसि ? साहुणो आयरियं अल्लवइ । जणा सहाए अप्फोडंति । प्राकृत में अनुवाद करो तुम छोटी रस्सी से क्या बांधते हो ? स्त्री के भी दाढी में लोम हैं। संदूक में किसके वस्त्र हैं ? आचार्य तुलसी के नेत्र आकर्षक हैं। तुम शोक क्यों करते हो ? हमारे गांव में कोई मूर्ख नहीं है। दोपहर का भोजन आज मैं नहीं करूंगा। मुख से मीठे वचन बोलो। टोकरी में पत्ते किसने रखे हैं ? घर के ऊपर चटाई से छायी हुई छत पर मत सोओ। यह पशु सिंह का मारा हुआ है । गुरु शिष्य को उपालंभ देते हैं । प्रश्न १. प्राकृत में शब्द कितने प्रकार के होते हैं ? २. देश्य शब्द किसे कहते हैं ? ३. वण शब्द के रूप लिखो। ४. नीचे लिखे शब्दों के अर्थ बताओ.-- . दवरिआ, दारद्धता, पिअहुत्तं, पडिखद्धो, पडलगं, दिअलिओ, पडिभेयो, ..पडाली। ५. इन धातुओं के अर्थ क्या है--अंगोहल, अच्छु र, अप्फोड, अल्ल । ६. पांच शब्द ऐसे बताओ जो प्राकृत और संस्कृत में समान रूप हैं। ७. सात शब्द ऐसे बताओ जो प्राकृत और राजस्थानी भाषा में समानरूप हों। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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