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देश्य शब्द
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कटार
घडो
बोर
राजस्थानी भाषा के समान प्राकृत शब्द राजस्थानी
प्राकृत
राजस्थानी घर घर
गोर
गोर खड्डा खड्डा
गडवड
गडवड-गोलमाल काहार
कहार कटार
पत्थर
पत्थर वेरूण वेरूण
कलस
कलस घडो
सिंघ
सिंघ बोर
उच्छह
उच्छाह प्रयोग वाक्य .
दसू न कायव्यो। सीयलणाहस्स दाढियाए लोमाइं न संति । तुमे दवरियाए किं कज्ज कीरइ । कस्स दालिअम्मि पीडा विज्जइ ? तुज्झ गामे को दिअलिओ अत्थि ? तस्स पडिच्छंदम्मि दुगंध आआइ । थेरेण तस्स पडिभेयो कओ। राओ पडालीइ अम्हे सयामो। दारद्धताए मम वत्थाई संति । तुमे अज्ज दिअहुत्तं महगिहे कायव्वं । पडलगम्मि केवलाई फलाइं संति । तेणं पडिखद्धो अयं पुरिसो अत्थि । सो संथारयं अच्छुरइ । कुसुमो जलेणं अंगोहलइ । बालो मुहा अल्लइ। तुम कहं न अक्कोसेसि ? साहुणो आयरियं अल्लवइ । जणा सहाए अप्फोडंति ।
प्राकृत में अनुवाद करो तुम छोटी रस्सी से क्या बांधते हो ? स्त्री के भी दाढी में लोम हैं। संदूक में किसके वस्त्र हैं ? आचार्य तुलसी के नेत्र आकर्षक हैं। तुम शोक क्यों करते हो ? हमारे गांव में कोई मूर्ख नहीं है। दोपहर का भोजन आज मैं नहीं करूंगा। मुख से मीठे वचन बोलो। टोकरी में पत्ते किसने रखे हैं ? घर के ऊपर चटाई से छायी हुई छत पर मत सोओ। यह पशु सिंह का मारा हुआ है । गुरु शिष्य को उपालंभ देते हैं ।
प्रश्न १. प्राकृत में शब्द कितने प्रकार के होते हैं ? २. देश्य शब्द किसे कहते हैं ? ३. वण शब्द के रूप लिखो। ४. नीचे लिखे शब्दों के अर्थ बताओ.-- . दवरिआ, दारद्धता, पिअहुत्तं, पडिखद्धो, पडलगं, दिअलिओ, पडिभेयो, ..पडाली। ५. इन धातुओं के अर्थ क्या है--अंगोहल, अच्छु र, अप्फोड, अल्ल । ६. पांच शब्द ऐसे बताओ जो प्राकृत और संस्कृत में समान रूप हैं। ७. सात शब्द ऐसे बताओ जो प्राकृत और राजस्थानी भाषा में समानरूप हों।
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