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________________ ३८ प्राकृत वाक्यरचना बोध काम दाह दाह मोह आऊ (आपः) पानी। पञ्चावण्णा (पञ्चपञ्चाशत्) पचपन । तेवण्णा (त्रिचत्वारिंशत) तयालीस । विउसग्गो (व्यूत्सर्गः) परित्याग । वोसिरणं (व्युत्सर्जनम्) परित्याग । बहिद्धा (बहिमथुनं वा) बाहर और मैथुन । णामुक्कसि (कार्यम् ) कार्य । कत्थइ (क्चचित्) कहीं । वम्हलो (अपस्मारः) केसर । कंदुट्ट (उत्पलम्) नील कमल । छिछि, छिद्धि (धिधिक) अनेकधिक्कार । धिरत्थु (धिगस्तु) धिक्कार हो । पडिसिद्धी, (प्रतिस्पर्धा) प्रतिस्पर्धा । चच्चिक्कं (स्थासकः) चंदन आदि सुगन्धित वस्तु को शरीर पर मसलना । ऐसे अनेक शब्द हैं। संस्कृतसम शब्द संस्कृत प्राकृत संस्कृत संसार संसार दावानल दावानल नीर नीर काम সল जल मोह नाग नाग गाढ गाढ धूलि धूलि संस्कृत के कुछ समान शब्द प्राकृत संस्कृत प्राकृत संस्कृत तडाय तडाग कणग कनक रंभा धड सण्ढ षष्ढ झज्झर झर्भर पडिमा प्रतिमा नयर नगर बंधव बान्धव महुर मधुर धम्म धर्म नाह नाथ संस्कृत के समान क्रिया पद संस्कृत प्राकृत संस्कृत प्राकृत भवति भवति मरते धाति धाति हति हनति संस्कृत के कुछ समान क्रियापद प्राकृत संस्कृत সার संस्कृत जुज्झते नच्चति पुच्छति पृच्छति कृणोति वन्दित्ता वन्दित्वा सुवण्णा सुवर्ण रम्भा घट 1114 14 4 ११ व ३ ३ ३ ॐ मरते युध्यते नृत्यति कुणति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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