________________
४५६
प्राकृत वाक्यरचना बोध द्वि० राइणं, रायं, रायाणं राइणो, रायाणो, रण्णो, राए, राया,
रायाणा तृ० राइणा, रण्णा, राएण, राएणं राईहि, राईहिं, राईहिं, राएहि, राएहिं,
रायाणेण, रायणेणं, रायणा राएहिँ, रायाणेहि, रायाणेहिं, रायाणेहि पं० राइणो, रण्णो, रायत्तो, राइत्तो, राईओ, राईउ, राईहिन्तो,
रायाओ, रायाउ, रायाहि, राईसुन्तो, रायत्तो, रायाओ, रायाउ, रायाहिंतो
रायाहि, राएहि, रायाहिन्तो, राएहिन्तो रायासुन्तो, राएसुन्तो, रायाणत्तो,
रायाणाओ, रायाणाउ च०, १० राइणो, रण्णो, रायस्स राईण, राईणं, राइणं, रायाण, रायाणं, रायाणस्स, रायणो
रायाणाण, रायाणाणं स० (राइंसि) राइम्मि (रायाणंसि) राईसु, राईसु, राएसु, राएसुं, रायाणेसु
रायम्मि, राये, रायाणे, रायाणेसुं
रायाणम्मि सं० हे राया, हे राय, हे रायो, हे राइणो, हे रायाणो, हे राया, हे रायाण, हे रायाणो हे रायाणा
प्राकृत में व्यंजनान्त शब्द नहीं होते हैं। या तो उनके अंतिम व्यंजन का लोप हो जाता है या वे अकारान्त के रूप में बदल जाते हैं। संस्कृत की अपेक्षा वे व्यंजनान्त होते हैं।
१५ नकारान्त अप्पाण, अत्ताण, अप्प और अत्त (आत्मन) शब्द
एकवचन
बहुवचन प्र० अप्पा, अत्ता, अप्पाणो, अप्पो अप्पाणो, अत्ताणो, अप्पाणा, अप्पा द्वि० अप्पिणं, अत्ताणं, अप्पाणं, अप्पाणो, अत्ताणो, अप्पाणे, अप्पे
अप्पं तृ० अप्पणिआ, अप्पणइआ अप्पेहि, अप्पेहिं, अप्पेहिँ
अप्पणा, अत्ताणा, अप्पेण अप्पाणेहि, अप्पाणेहि, अप्पाणेहि
अप्पेणं, अप्पाणेण, अप्पाणेणं पं० अप्पाणो, अप्पाणत्तो, अप्पाणत्तो, अप्पाणाओ
अप्पाणाओ, अप्पाणाउ, अप्पाणाउ, अप्पाणाहि, अप्पाणेहि अप्पाणाहि, अप्पाणाहिन्तो अप्पाणाहिन्तो, अप्पाणेहिन्तो अप्पाणा, अप्पणो, अप्पत्तो, अप्पाणासुन्तो, अप्पाणेसुन्तो, अप्पत्तो, अप्पाओ, अप्पाउ, अप्पाहि, ____ अप्पाओ, अप्पाउ, अप्पाहि, अप्पेहि,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org