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अपभ्रंश (४)
४३६ हसिआ/हसिउ/हसिओ (वह हंसा)। ते हसिअ/हसिआ (वे दोनों हंसे/वे सब हंसे) । रज्ज/रज्जा/रज्जु वढिअ/वड्ढआ/वढिउ (राज्य बढा)। कमल/ कमला/कमलइं/कमलाई विउसिअ/विउसिआ/विउसिअइं/विउसिआई (सब कमल खिले । नरिंदु बोल्लिओ। महुइं इंजिआई । सा लज्जिआ। ता उद्विअउ । साहू जग्गिउ । तुई लुक्किओ। ता वइट्ठिअओ। महेलीओ डरिअओ। जणेरी बोल्लिअ । कमला उस्सासिअ । कोवु उपसमिओ। तिसा लग्गिअ । जणेरी खासिआ। पसंसा वढिअ । जणेरु उवविसउ । सुसीला चुक्किआ। जणेरी पड धोआ । कमल विअसिउ । वेराग्ग वढिअ । लक्कुड कट्टिआ। अपञ्चश में अनुवाद करो (बहुवचन के सारे रूपों का उपयोग करो
प्रत्येक वाक्य में) स्वामी डरा। माता जागी। महिलाएं बैठीं। वस्तुएं बढ़ीं। राजा सोया। महिलाएं छिपी । शक्ति जागी। सुशीला शरमाइ । राज्य बढा। साधु आज नहीं सोया । कमल खिला । वह उठा । तुम ठहरे। तुम सब कहां बैठे ? सीता नहीं डरी। माता ने वस्त्र ओढा। उन्हें प्यास लगी। महिलाएं शांत हुईं। राजा को भूख लगी। उसकी प्रशंसा हुई। बालक बैठा। पुत्री ने सांस लिया । बुद्धि बढी। पिता बैठा । महिलाएं ठहरी । पुत्री जगी। वह छिपी। वे चुके । पुत्रियां थकी। महिलाएं घूमी। सीता ने धान्य पीसा । यौवन लुढक गया। सत्य खोला। लकडियां काटीं। सुख बढा । माता भूली। दूध पीया। यौवन बढा।
प्रश्न १. पई, तई, मई, तउ, तुध्र, तुम्हहं, महु, अम्हासु-ये रूप किस शब्द के
किस विभक्ति और वचन के हैं ? २. स्त्रीलिंग में डी और डा प्रत्यय कहां होता है ? ३. भूतकाल के रूप बनाने का क्या तरीका है ? ४. जणेरी, कमला, सुया, जरा, महिला, मेहा, वाया, संझा, सोहा,
पसंसा, झुपडा और तिसा-इन शब्दों को अपने वाक्य में प्रयोग करो। ५. तम्हा, इय और जह-इन अव्ययों का वाक्य में प्रयोग करो। ६. वड्ढ, खुम्म, उवसम, उस्सस, विअस , चिट्ठ, कुद्द, ओढ, उवविस,
खास, लग्ग, छिज्ज, लोट्ट, चुक्क और छुट्ट धातु के अर्थ बताओ।
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