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अपनश (४)
शब्द संग्रह (आकारान्त शब्द) जणेरी-माता
वाया-वाणी कमला-लक्ष्मी
संझा-संध्या सुया-पुत्री
सोहा-शोभा जरा-बुढापा
पसंसा-प्रशंसा महिला-स्त्री
झुपडा-झोपडी मेहा-बुद्धि
तिसा-तृषा निसा-रात्रि
धातु संग्रह वड्ढबढना
उवविस-बैठना खुम्म-भूख लगना
खास-खांसना उवसम-शांत होना
लग्ग-लगना उस्सस–सांस लेना
छिज्ज-छीजना विअस-खिलना
लोट्ट-लोटना चिट्ठ-ठहरना, बैठना
चुक्क-भूल करना, चूकना कुद्द-कूदना
छुट्ट-छूटना ओढ-ओढना अव्यय जइ-यदि
तो-तो
इय--इस प्रकार जह-जैसे
तह-वैसे
तम्हा--इसलिए जम्हा-चूंकि
वि-भी
णवि-नहीं ० सव्व, त, ज, क एत, इम शब्द याद करो। देखो-परिशिष्ट ३ संख्या
१४,१५,१६,१७,१८,१९ । युष्मदस्मत् और स्त्री प्रत्यय
नियम १०५५ (युष्मदः सौ तुहुं ४१३६८) अपभ्रंश में युष्मद् शब्द से परे सि हो तो तुडं आदेश होता है । त्वम् (तुहुं)।
नियम १०५६ (जस्-शसोस्तुम्हे तुम्हई ४।३६६) अपभ्रंश में युष्मद् शब्द को जस् और शस् प्रत्यय सहित तुम्हे और तुम्हई आदेश होते हैं। यूयम् (तुम्हे, तुम्हइं)। युष्मान् (तुम्हे, तुम्हइं)।
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