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प्राकृत वाक्यरचना बोध
हे
नाम से परे ङि को हि आदेश होता है । मालायाम् ( मालाहि ) । हे माला, मालाहो ।
नियम १०५१ (स्त्रियां उहे ४।३५६ ) अपभ्रंश में स्त्रीलिंग में वर्तमान यत्, तत् और किं शब्द से परे ङस् को डहे आदेश विकल्प से होता है । तस्याः (तहे)। यस्या: ( जहे)। कस्याः (कहे ) ।
नपुंसकलिंग
आदेश होता है । पुंल्लिंग के समान
नियम १०५२ ( क्लोबे जस्-शसो रि ४१३५३ ) अपभ्रंश में नपुंसक लिंग में वर्तमान नाम से परे जस् और शस् को इं कमलानि ( कमल) । कमलानि ( कमलई) । शेष रूप चलते हैं । नियम १०५३ ( कान्तस्यात उं स्यमोः ४१३५४) अपभ्रंश में नपुंसक लिंग में वर्तमान ककारान्त नाम में जो अकार हो उससे परे सि और अम् को उ आदेश होता है । तुच्छकम्, तुच्छकम् (तुच्छउं ) ।
नियम १०५४ ( इदमः इभुः क्लीबे ४१३६१ ) अपभ्रंश में नपुंसक लिंग में वर्तमान इदम् शब्द से परे सि और अम् को शब्द सहित इमु आदेश होता है । इदं ( इमु ) इदं ( इमु ) । इदं कुलं ( इमुकुलु) । इदं कुलं पश्य ( इमुकुलु देक्खु ) ।
प्रयोग वाक्य ( भविष्यकाल )
साणच्चे सइ / णच्चेस ए / ण चिचहि / णच्चिहिए ( वह नाचेगी ) । ता णच्चेसह /णच्चेसंति/णच्चिहिहि / चिचहिति (वे नाचेंगी ) । हउ हासउ / हासामि / हा हिउ / हा हिमि ( मैं नहाऊंगा ) । अम्हे हासहुं / हासमो / पहासमु / हासम / हा हिहुं / हा हिमो / हा हिमु / हाहिम ( हम सब / हम दोनों नहाएंगे ) । तुहं णच्चे सहि/मच्चेससि णच्चेससे/ णच्चिहिहि / णच्चि हिसि (तुम नाचोगे ) । तुम्हे णच्चेसह / णच्चे सह / णच्चेसइत्था / णच्चि हिहु / णच्चि हिह / चिहित्था (तुम दोनों / तुम सब नाचोगे ) । हउ णच्चे सउ / णच्चेसमि/ णच्चि हिउं / णच्चिहिमि ( मैं नाचूंगा) । अम्हे णच्चेसहं / णच्चेसमो / णच्चेसमु / णच्चेसम / णच्चिहिं / णच्चिहिमो / णच्चिहिमु / णच्चि हिम ( हम नाचेंगे ) । सुसीला पीसेसइ । सा पड कट्टेहिइ । अम्मे अज्जु वखाणेसहुं । मई ( मुझको) को कोकिहिइ ? सो पई ( तुमको ) रोक्किहिए । तुहुं भार्याणि घय घालिसहि । सीया वत्थ फाडिहिहि । हर सच्च उग्धाडि हिउ । माया चोप्पडिहिइ । सा पत्त लिहिहिए। तुहुं कट्ठ छोलेससि । तुम्हे उपकरिहिहु । अम्हे बोल्लिसहुं । बालअ सलिल पिविहिइ । सो लक्कुडाई कट्टेसइ । सा पत्तु लिहिसए । तुहुं कट्ठई न कट्टि हिहि । सा aणा पोसिहि । तुहुं सच्च कोकिहिसे । हउं खीरहं पिवेसउ |
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