________________
अपभ्रंश (२)
४२६
नियम १०१८ (स्यम् जस्-शसा लुक् ४१३४४) अपभ्रंश में सि, अम्, जस् और शस् का लुक् हो जाता है । जिणो। पक्ष में।
नियम १०१६ (स्यमोरस्योत् ४।३३१) अपभ्रंश में अकार को उकार हो जाता है सि और अम (द्वितीया का एकवचन)परे हो तो । जिणु ।
नियम १०२० (स्यादी दीर्घ हस्थी ४१३३०) अपभ्रंश में पुलिंग में नाम का अन्त्य अक्षर ह्रस्व हो तो दीर्घ और दीर्घ हो तो ह्रस्व विकल्प से होता है, स्यादि विभक्ति परे हो तो । जिणा, जिण। जिणु । जिणा, जिण ।.. - नियम १०२१ (पट्टि ४१३३३) अपभ्रंश में अकार को एकार होता है, टा प्रत्यय परे हो तो।
नियम १०२२ (आट्टो णानुस्वारी ४॥३४२) अपभ्रंश में अकार से परे टा प्रत्यय को ण और अनुस्वार ये दो आदेश होते हैं। जिणेण, जिणें। .
नियम १०२३ (भिस्येद् वा ४१३३५) अपभ्रंश में अकार को एकार विकल्प से होता है भिस् (तृतीया का बहुवचन) परे हो तो।
नियम १०२४ (भिस् सुपोहि ४१३४७) अपभ्रंश में भिस् और सुप् (सप्तमी का बहुवचन) को हि आदेश होता है । जिणे हिं । पक्ष में जिणहिं ।
नियम १०२५ (से है-हू ४१३३६) अपभ्रंश में अकार से परे ङसि को हे और हु ये दो आदेश होते हैं। जिणहे, जिणहु ।।
नियम १०२६ (भ्यसो हुं ४।३३७) अपभ्रंश में अकार से परे भ्यस् (चतुर्थी का बहुवचन)को हुं आदेश होता है। जिणहुं ।
नियम १०२७ (उसः सु-हो स्सवः ४१३३८) अपभ्रंश में अकार से परे ङस् (षष्ठी का एकवचन) को सु, हा, स्स ये तीन आदेश होते हैं। जिणस्, जिणहो, जिणस्सु।
नियम १०२८ (आमोहं ४।३३६) अपभ्रंश में अकार से परे आम् (षष्ठी का बहुवचन) को हं आदेश होता है । जिनानाम् (जिणहं)।
नियम १०२६ (षष्ठ्याः ४१३४५) अपभ्रंश में षष्ठी विभक्ति का प्रायः लुक् हो जाता है । जिनस्य, जिनानाम् (जिण)।
नियम १०३० (डि नेच्च ४१३३४) अपभ्रंश में अकार से परे ङि (सप्तमी का एकवचन) प्रत्यय हो तो प्रत्यय सहित अकार को इकार और एकार होता है । जिणि, जिणे । जिणे हिं, जिहिं हे जिणो, हे जिण।
नियम १०३१ (आमन्त्र्ये जसो होः ४॥३४६) अपभ्रंश में आमंत्रण अर्थ में नाम से परे जस् को हो आदेश होता है। जिणहो।
नियम १०३२ (सर्वस्य साहो वा ४१३६६) अपभ्रंश में सर्व शब्द को साह आदेश विकल्प से होता है । सर्व (साहु, सव्वु)।
नियम १०३३ (सर्वा देई से.हाँ ४।३५५) अपभ्रंश में सर्वादि शब्दों के अकार से परे ङसि (पंचमी का एकवचन) को हा आदेश होता है। सर्व
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org