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________________ ११२ पैशाची: चूलिका पैशाची सरल व्यंजन परिवर्तन नियम ६६६ (टोस्तुर्वा ४।३११) पैशाची में टु को तु विकल्प से होता है। >तु-कटुकम् (कतुक, कटुक) । कुटुम्बकम् (कुतुम्बुकं, कुटुम्बकम्) । नियम ९७० (णो नः १३०६) पैशाची में ण को न होता है। कान-गुणः (गुनो)। नियम ९७१ (लोळ ४३०८) पैशाची में ल को ळ होता है। ल7ळ-जलम् (जळं)। सलिलम् (सळिळं)। कमलम् (कमळं)। शीलं (सीळं)। नियम ६७२ (श-वोः सः ४।३०९) पैशाची में श और ष को स होता a>सशक्र: (सक्को)। शशी (ससी) । शोभते (सोभति)। शोभनं (सोभनं)। ष>स-विषमः (विसमो)। नियम ६७३ (हृदये यस्य पः ४।३६०) पैशाची में हृदय शब्द के य को प होता है। य>प-हृदयकम् (हितपक)। नियम ९७४ (तदोस्त: ४१३६०) पैशाची में त और द को त होता है । भगवती (भगवती)। सदनं (सतनं)। संयुक्त व्यंजन परिवर्तन नियम ६७५ (सोनः पैशाच्याम् ४१३०३) पैशाची में ज्ञ को च होता है। ज्ञ7ञ-सर्वज्ञः (सव्ववो) । संज्ञा (सञ्जा) । प्रज्ञा (पञ्चा) । विज्ञानम् (विज्ञानं)। नियम ६७६ (राजो वा चिम् ४१३०४) पैशाची में राजन् शब्द के ज्ञ को चिन् आदेश विकल्प से होता है। >चिम्-राज्ञा (राचिना, रा)। नियम ९७७ (न्य-ण्योमः ४।३०५) पैशाची में न्य और ण्य को न होता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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