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प्राकृत वाक्यरचना बोध
नियम ८७६ (गवेषेर्द्वग्दुल्ल-ठण्ढोल-गमेस-वत्ताः ४।१८६) गवेष् धातु को ढण्ढुल्ल, ढण्ढोल, गमेस, छत्त-ये चार आदेश विकल्प से होते हैं। गवेषयति (ढण्ढुल्लइ, ढण्ढोलइ, गमेसइ, घत्तइ, गवेसइ) ढूंढता है, खोजता है।
नियम ८८० (श्लिषेः सामग्गावयास-परिअन्ताः ४।१९०) श्लिष्यति को सामग्ग, अवयास, परिअन्त-ये तीन आदेश विकल्प से होते हैं। श्लिष्यति (सामग्गइ, अवयासइ, परिअन्तइ, सिलेसइ) आलिंगन करता है।
नियम ८८१ (म्रक्षेश्चोप्पडः ४।१६१) म्रक्ष धातु को चोप्पड आदेश विकल्प से होता है । म्रक्षति (चोप्पडइ, मक्खइ ) चोपडता है।
नियम ८८२ (काङ क्षेराहाहिलङ ग्घाहिलङ ख-वच्च-वम्फ-मह-सिहविलुम्पाः ४।१९२) काङ क्षति को आह, अहिलंघ, अहिलङ्ख, वच्च, वम्फ, मह, सिह, विलुम्प-ये आठ आदेश विकल्प से होते हैं। काङ्क्षति (आहइ, अहिलङ्घइ, अहिलङ्खइ, वच्चइ, वम्फइ, महइ, सिहइ, विलुम्पइ, कवइ) चाहता है।
नियम ८५३ (प्रतीक्षेः सामय-विहीर-विरमाला: ४११९३) प्रतीक्षते को सामय, विहीर, विरमाल-ये तीन आदेश विकल्प से होते हैं। प्रतीक्षते (सामयइ, विहीरइ, विरमालइ, पडिक्खइ) प्रतीक्षा करता है।
नियम ८८४ (तक्षेस्तच्छ-चच्छ-रम्प-रम्फा: ४।१९४) तक्ष् धातु को तच्छ, चच्छ, रम्प, रम्फ~-ये चार आदेश विकल्प से होते हैं। तक्ष्णोति (तच्छइ, चच्छइ, रम्पइ , रम्फइ, तक्खइ) पतला करता है, छोलता है।
नियम ८८५(विकसे: कोआस-वोसट्टो ४।१९५) विकसति को कोआस, वोसट्ट-ये दो आदेश विकल्प से होते हैं। विकसति (कोआसइ, वोसट्टइ, विअसइ)-विकास करता है।
नियम ८८६ (हसेर्गुञ्ज: ४११६६) हसति को गुञ्ज आदेश विकल्प से होता है । हसति (गुञ्जइ, हसइ हंसता है।
नियम ८८७ (स्र सेहंस-डिम्भी ४११६७) स्रस् धातु को ल्हस, डिम्भ -~-ये दो आदेश विकल्प से होते हैं। नसते (ल्हसइ, डिम्भइ, संसइ) खिसकता है, नीचे गिरता है।
नियम ८८८ (त्रसेर्डर-बोज्ज-वज्जाः ४११९८) त्रस् धातु को डर, बोज्ज और वज्ज-ये तीन आदेश विकल्प से होते हैं। त्रस्यति , त्रसति (डरइ, बोज्जइ, वज्जइ, तसइ) डरता है।
नियम ८८९ (न्यसो णिमणुमौ ४।१९९) न्यस्यति को णिम और णुम आदेश होते हैं । न्यस्यति (णिमइ , णुमइ)स्थापना करता है।
नियम ८६० (पर्यसः पलोट्ट-पल्लट्ट-पल्हत्था: ४।२००) पर्यस्यति को पलोट्ट, पल्लट्ट, पल्हत्थ—ये तीन आदेश होते हैं । पर्यस्यति (पलोट्टइ, पल्लट्टइ, पल्हत्थइ) फेंकता है।
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