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________________ धात्वादेश (४) ३७६ मज्जति (आउड्डइ, णिउड्डइ, बुड्डइ, खुप्पइ, मज्जइ) डूबता है । नियम ७९२ (पुजेरारोल-धमालो ४।१०२) पुञ्ज धातु को आरोल और वमाल ये आदेश विकल्प से होते हैं। पुञ्जति (आरोलइ, वमालइ, पुञ्जइ) इकट्ठा करता है। नियम ७६३ (लस्जे हः ४११०३) लज्जति को जीह आदेश विकल्प से होता है । लज्जति (जीहइ, लज्जइ) लज्जा करता है।। नियम ७६४ (तिजेरोसुक्कः ४।१०४) तिज् धातु को ओसुक्क आदेश विकल्प से होता है । तेजते (ओसुक्कइ) तीक्ष्ण करता है। नियम ७६५ (मृजेरुग्घुस-लुञ्छ-पुञ्छ-पंस-फुप-पुस-लुह-हुल-रोसाणाः ४११०५) मृज् धातु को उग्घुस, लुञ्छ, पुञ्छ, पुंस, फुस, पुस, लुह, हुल और रोसाण—ये आदेश विकल्प से होते हैं। मार्जति (उग्घुसइ, लुञ्छइ, पुञ्छइ, पुंसइ, फुसइ, पुसइ, लुहइ, हुलइ, रोसाणइ, मज्जइ) साफ करता है। नियम ७९६ (भजेर्वेमय-मुसुमूर-मूर-सूर-सूट-विर-पविरज-करजनीरजाः ४।१०६) भञ्ज् धातु को वेमय, मुसुमूर, मूर, सूर, सूड, विर, पविरञ्ज, करज, नीरज--ये आदेश विकल्प से होते हैं। भनक्ति (वेमयइ, मुसुमूरइ, मूरइ, सूरइ, सूडइ, विरइ, पविरजइ करजइ, नीरजइ, भञ्जइ) तोडता है, भांगता है। नियम ७९७ (अनुवजेः पडिअग्गः ४।१०७) अनुव्रजति को पडिअम्ग आदेश विकल्प से होता है । अनुव्रजति (पडिअग्गइ, अणुवच्चइ) अनुसरण करता है। नियम ७९८ (अर्जेविंढवः ४।१०८) अर्ज धातु को विढव आदेश विकल्प से होता है । अर्जति (विढवइ, अज्जइ) पैदा करता है, उपार्जन करता है। नियम ७६६ (युजो जुञ्ज-जुज्ज-जुप्पाः ४११०६) युज् धातु को जुञ्ज, जुज्ज, जुप्प-ये आदेश होते हैं। युनक्ति (जुञ्जइ, जुज्जइ, जुप्पइ) जोडता है। नियम ८०० (भुजो भुज-जिम-जेम-कम्माण्ह-चमढ-समाण-घड्डाः ४।११०) भुज, धातु को भुञ्ज, जिम, जेम, कम्म, अण्ह, चमढ, समाण और चड्ड-ये आदेश होते हैं। भुङ्कते (भुजइ, जिमइ, जेमइ, कम्मइ, अण्हइ, चमढइ, समाणइ, चड्डइ) भोजन करता है। नियम ५०१ (वोपेन कम्मवः ४।१११) उप सहित भुज् धातु को कम्मव आदेश विकल्प से होता है। उपभुज्यते (कम्मवइ, उवहुञ्जइ) भोजन करता है। नियम ८०२ (घटे गंढः ४११२) घटते को गढ आदेश विकल्प से होता है । घटते (गढइ, घडइ) बनाता है, चेष्टा करता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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