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________________ धात्वादेश विकल्प से होता है। जाणिअं, णायं (ज्ञातम्) जाणिऊण, णाऊण (ज्ञात्वा) जाणणं, णाणं (ज्ञानं)। मणइ रूप तो मन्यति का बनता है। नियम ७२६ (उदो ध्मो धुमा ४१८) उद् पूर्वक ध्मा धातु हो तो ध्मा को धुमा आदेश होता है । उद्ध्माति (उद्धमाइ) जोर से धमनी चलाता नियम ७३० (श्रदो धो दहः ४१६) श्रद् से परे धा (दधाति) धातु को दह आदेश होता है। श्रद्दधाति (सदहइ) श्रद्धा करता है। . नियम ७३१ (पिबे: पिज्ज-डल्ल-पट्ट-घोट्टा: ४।१०) पिबति को पिज्ज, डल्ल, पट्ट और घोट्ट-ये चार आदेश विकल्प से होते हैं। पिबति (पिज्जइ, डल्लइ, पट्टइ, घोट्टइ, पिअइ) पीता है। नियम ७३२ (उदातेरोरुम्मा वसुआ ४.११) उत्पूर्वक वाति को ओरुम्मा और वसुआ आदेश विकल्प से होता है। उद्वाति (ओरुम्माइ, वसुआइ, उव्वाइ) सूखाता है। नियम ७३३ (निवातेरोहीरो घौ ४११२) निपूर्वक द्राति को ओहीर और उङ्घ आदेश विकल्प से होता है। निद्राति (ओहीरइ, उङ्घइ, निद्दाइ) नींद लेता है। नियम ७३४ (आघ्रराइग्घः ४।१३) आजिघ्रति को आइग्घ आदेश विकल्प से होता है । आजिघ्रति (आइग्घड) सूंघता है। नियम ७३५ (स्नाते रब्भुत्तः ४।१४) स्नाति को अब्भुत्त आदेश विकल्प से होता है । स्नाति (अन्भुत्तइ, व्हाइ) स्नान करता है। . नियम ७३६ (समः स्स्यः खाः ४।१५) सं पूर्वक स्त्यायति को खा आदेश होता है। संस्त्यायति (संखाइ) सान्द्र होता है, जमता है। नियम ७३७ (स्थष्ठा-थक्क-चिट्ठ-निरप्पाः ४११६) स्था धातु को ठा, थक्क, चिट्ठ और निरप्प आदेश होता है। तिष्ठति (ठाइ, ठाअइ थक्कइ, चिट्ठइ, निरप्पइ) ठहरता है। स्थानं (ठाणं) प्रस्थितः (पट्टिओ) प्रस्थापितः (पट्ठाविओ) बहुलाधिकारात् कहीं पर नहीं भी होता है--थिअं, थाणं, पत्थिओ, उत्थिओ। नियम ७३८ (उदष्ठ-कुक्कुरो ४।१७) उत् से परे तिष्ठति को ठ और कुक्कुर आदेश होता है । उत्तिष्ठति (उट्टइ, उकुक्कुरइ) उठता है । नियम ७३६ (म्ले -पव्वायो ४॥१८) म्लायति को वा और पवाय आदेश विकल्प से होता है । म्लायति (वाइ, पन्चायइ मिलाइ)म्लान होता है, निस्तेज होता है। नियम ७४० (निर्मो निम्माण-निम्मवौ ४११६) निमिमीति को निम्माण और निम्मव आदेश होता है। निमिमीति (निम्माणइ, निम्मवइ) बनाता है, रचना करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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