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________________ ३५६ प्राकृत वाक्यरचना बोध चाहिए। गलत काम कभी नहीं करना चाहिए। तुम्हें उसके साथ जाना चाहिए। यह काम तुम्हें नहीं करना चाहिए । रात में नहीं खाना चाहिए । उसे अपने भाग्य पर रोना नहीं चाहिए । तुम्हें धूम्रपान छोड देना चाहिए। उसे कुछ न कुछ नियम अवश्य ग्रहण करना चाहिए। साधक को अपनी उपलब्धि छिपानी चाहिए, किसी को कहनी नहीं चाहिए। किसी के अवगुण उसे ही कहना चाहिए दूसरों को नहीं।। प्रश्न १. संस्कृत में कृत्य प्रत्यय कितने होते हैं। प्राकृत में उसके लिए कितने प्रत्यय हैं । शेष प्रत्ययों के लिए क्या नियम काम में लिया जाता है ? उदाहरण सहित समझाओ। २. कृत्य प्रत्ययों का प्रयोग किस अर्थ में होता है ? ३. घडीयंत्र, टाइपराइटर, टेलीफोन, थर्मामीटर, रेडिया, लाउडस्पीकर, प्रेस, दूरवीक्षण और बिजली का पंखा-इन शब्दों के लिए प्राकृत शब्द बताओ। ४. आलंप, आलोअ, आलोअ, आलोड, आव, आवास, आवज्ज, आवट्ट, आवड, आवत्त और आवर धातुओं के अर्थ बताओ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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