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कृत्य प्रत्यय
३५५ दूरविक्खणजंतं कस्स पासे अत्थि ? सो संपावीजणं अंतरेण अत्थ ठाउ न समत्थो अस्थि । जइणविस्सभारईए अंगणे एगो मुद्दणालयो अस्थि । झुणिमंजूसं अंतरेण सुइतस्स किं उवओगित्तं ? धातु प्रयोग
पुढविजीवाणं पाणा को लुंपइ ? सो अट्ट तत्थ गंतव्वं जत्थ कोवि न आलोएइ । आयरियाणं पासे सुइभावेण आलोएयव्वं । जेणसुत्ताणि के के साहुणो आलोडंति ? अत्थ अज्ज को आविस्ससि ? भाआ भाअरं आवआसइ । विवादेण तुमं किं आवज्जिस्ससि ? णमोक्कारमहामंतस्स सो अणेगहुत्तो आवट्टइ। तुम कया अमुम्मि णयरे आवडिहिसि, आवत्तिहिसि वा? सो णियखलणं कहं आवरइ ? प्रत्यय प्रयोग
केण सद्धि कयावि अइ न हसिअव्वं, हसेअव्वं वा । तुमए विणीओ होइतव्वो, होएतव्वो वा । तस्स गिहे न गमणिज्जं । पइदिणं सज्झायं करणिज्ज। तुमए मोरउला कोवि न हसावणीओ, हसावणिज्जो वा। मत्ताए अहियं न भोत्तव्वं । सया सच्चं वोत्तव्वं । परवत्थु आणं अन्तरेण न घेत्तव्वं । गुत्तवत्ता सया गुज्झा । प्राकृत में अनुवाद करो
भारत का कौन सा घडी यंत्र प्रसिद्ध है ? टाइपराइटर का मूल्य क्या है ? टेलीफोन पर मैं तुमसे बात करूंगा। क्या थर्मामीटर सही ज्वर बताता है ? रेडियो सुनने के लिए यहां कितने लोग आए हैं ? लाउडस्पीकर से दूर बैठे लोग वक्ता का भाषण सुनते हैं। वह दूरवीक्षण से चंद्रमा को देखता है। ग्रीष्म में बिजली का पंखा गर्म हवा देता है । इस प्रेस का मालिक कौन है ? साउण्डवॉक्स किसके पास है ? धातु का प्रयोग करो
किसी के अधिकार को हरण नहीं करना चाहिए। वह केवल तुम्हारे दोष ही देखता है। साधु आचार्य के पास प्रतिदिन आलोचना करते हैं। हमारे घर में माता प्रातः दधि का मंथन करती है। तुम्हारी इच्छा के बिना तुम्हारे घर कोई भी नहीं आएगा । बडे साधु छोटे साधु का आलिंगन करते हैं । वह गुरु के सान्निध्य में बैठकर शिक्षा प्राप्त करता है । तपस्विनी साध्वी कनकावली तप की कौनसी आवृत्ति करती है ? आचार्य तुम्हारे गुणों को क्यों ढांकते हैं ? तुम्हारे व्यवहार के कारण तुम्हारे साथ कोई भी नहीं आएगा। प्रत्यय का प्रयोग करो
तुम्हें सदा पांच मिनट हंसना चाहिए। उसे बडों के साथ नम्र होना
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