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________________ प्राकृत वाक्यरचना बोध वाली धातु हो तो अवि प्रत्यय विकल्प से होता है । अत्, एत, आव और आवे प्रत्यय भी होते हैं । चूस-चूसइ, चूसेइ, चूसावइ, चूसावेइ, चूसविइ । नियम ६६६ (भ्रमेस्तालिअण्ट-तमाडौ ४.३०) णि प्रत्ययान्त भ्रम धातु को तालिअण्ट और तमाड विकल्प से आदेश होते हैं । भ्रमयति (तालिअण्टइ, तमाडइ) पक्ष में नियम ६६७ (भ्रमेराडो वा ३३१५१) भ्रम धातु से परे णि को आड आदेश विकल्प से होता है। भमाडइ, भमाडेइ । पक्ष में भामइ, भामेइ, भमावइ, भमावेइ (भ्रमयति) घूमता है। नियम ६६८ (देणेणुमनूमसन्नुम-तुक्कौम्बाल-पव्वालाः ४।२१) णि प्रत्ययान्त छद धातु को णुम, नूम, सन्नुम, ढक्क, ओम्वाल और पव्वाल आदेश विकल्प से होते हैं। छादयति (णुमइ, नूमइ, सन्नुमइ, ढक्कइ, ओम्वालइ, पव्वालइ, छायइ) ढंकवाता है। नियम ६६६ (निविपत्योणिहोडः ४।२२) नि उपसर्गपूर्वक वृन् धातु और पत् धातु णि प्रत्ययान्त हो तो उसे णिहोड आदेश विकल्प से होता है। निवारयति (णिहोडइ, निवारेइ) निवारण करवाता है। पातयति (णिहोडइ, पाडेइ) गिराता है। नियम ६७० (दूडो दूमः ४।२३) णि प्रत्यान्त दूङ धातु को दूम आदेश होता है । दावयति (दूमेइ) दुःखित करवाता है। नियम ६७१ (धवले दुमः ४।२४) णि प्रत्ययान्त (धवलयति) रूप को दुम आदेश विकल्प से होता है । धवलयति (दुमइ, धवलइ) सफेद करना, चूना आदि से पोतना। प्रयोग वाक्य जाईए पुप्फाई सुन्दराई भवंति । जुहिआ देसस्स सव्वभागे उप्पज्जइ । पोम्मं पंके उप्पज्जइ परं उवरि चिट्ठइ । पाडलस्स पुप्फाइं पसिद्धाइं संति । चंपयस्स पुप्फाणि अत्थ न संति । कयंबो गुणेण सीयलो भवइ । बउलस्स बीएसु एगविहं तेल्लं भवइ । कुज्जयो पाडलस्स चेअ जाई (जाति) अस्थि । मल्लिआए अणेगे भेया संति । केअगो कर्फ नासइ । तिलगस्स पुष्पं तिलसमं भवइ । जासुमणो अणेगवण्णो भवइ। सिन्दुरस्स रुक्खो सुंदरो होइ। अगस्थियो दक्खिणदेसे बंगदेसे य पउरेण भवइ । तुलसीए पत्ताणि ओसहीए उवओगीइं भवंति। दमणगो सयं उप्पज्जइ । मरुवयो देसस्स सम्वभागे मिलइ । झंडू जरणासगो भवइ। धातु प्रयोग रटुवई गिहुज्जाणं पइदिणं सिंचइ । बालो किं सिंजइ ? अहं तुहाओ सिक्खि अहिलसामि । घरे अन्नं सिज्झइ । तुमं दिणे कइहुत्तो सिणासि । सो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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