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प्राकृत वाक्यरचना बोध
हंसता हूं । हम आज पढते हैं। हम दोनों लिखते हैं । हम नहीं हंसते हैं । हम फिर से देखते हैं । हम आज सेवा करते हैं। हम दोनों धीरे बोलते हैं । हम वहां अवश्य जाती हैं। हम दोनों क्रोधित होते हैं । हम दोनों इच्छा करते हैं । हम दोनों जानते हैं। हम दोनों एक बार खाती हैं । हम दोनों सदा पढती हैं । हम दोनों वहां खाती हैं। हम दोनों इच्छा करती हैं । हम वहां लिखते हैं । हम दोनों यहां खाते हैं। हम एक बार वहां अवश्य जाते हैं। हम दोनों इस समय वहां निश्चय जाती हैं। हम शीघ्र दौडती हैं। हम दोनों घ मते हैं । हम एक बार खाते हैं । हम एक बार हंसती हैं। हम पीते हैं। हम दोनों नहीं पढते हैं । हम दोनों जानते हैं । हम दोनों नहीं लिखती हैं। हम सदा हंसती हैं । वह जल्दी पढता है । तुम कैसे आदमी हो? मैं अवश्य पढता हूं। वह फिर से पढता है । एक बार तुम यहां आए थे।
प्रश्न १. उत्तमपुरुष के बहुवचन के प्रत्यय कौन-कौन से हैं और उनके रूप
बनाने का सरल उपाय क्या है ? २. नीचे लिखे शब्दों के प्राकृत शब्द क्या हैं?
अरहंत, आचार्य, सिद्ध, पार्श्वनाथ, जिन, साधु, बुद्ध, महादेव,
उपाध्याय । ३. नीचे लिखे अर्थों में कौन-कौनसी धातु प्रयोग में आती है ? बोलना, प्रवेश करना, क्रोध करना, छोडना, तपना, डरना, मारना,
जलना, गिरना। ४. नीचे लिखे अर्थों में किन अव्ययों का प्रयोग करना चाहिए ?
अवश्य, एक बार, फिर से, कैसा, निश्चय, इस समय ।
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