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उत्तम पुरुष
अहं हसामि---मैं हंसता हूं/हंसती हूं। अहं लिहामि---मैं लिखता हूं लिखती हूं। अहं भंजामि-मैं खाता ह/खाती हूं। अहं सेवामि---मैं सेवा करता हूं/करती हूं । अहं जाणामि--मैं जानता हं जानती हैं। अहं भणामि-मैं पढ़ता हूं पढ़ती हूं। अहं इच्छामि--मैं इच्छा करता हूं/करती हूं। अहं गच्छामि----मैं जाता हूं जाती हूं। अहं जंपामि----मैं बोलता हूं बोलती हूं। अहं दाणि भमामि---मैं इस समय घ मता हूं/घ मती हूं। अहं पविसामि—-मैं प्रवेश करता हूं/करती हूं। अम्हे पिवामो---हम हम दोनों पीते हैं/पीती हैं । अम्हे लिहामु-हम हम दोनों लिखते हैं लिखती हैं । अम्हे भुंजाम-हम हम दोनों खाते हैं/खाती हैं । अम्हे सेवामो-हम हम दोनों सेवा करते हैं/करती हैं। अम्हे जाणामु-हम हम दोनों जानते हैं जानती हैं । अम्हे इच्छाम---हम हम दोनों इच्छा करते हैं करती हैं। अम्हे हमामो-हम हम दोनों हंसते हैं/हंसती हैं । अम्हे जंपाम-हम/हम दोनों बोलते हैं/बोलती हैं । अम्हे पामामो-हम हम दोनों देखते हैं देखती हैं । अम्हे गच्छामु--हम हम दोनों जाते हैं/जाती हैं । अम्हे भणाम----हम हम दोनों पढते हैं/पढती हैं । अम्हे तवामो--हम/हम दोनों तपते हैं तपती हैं । अम्हे बीहमु-हम हम दोनों डरते हैं/डरती हैं। अम्हे रूसाम----हम/हम दोनों क्रोधित होते हैं/होती हैं ।
अव्यय प्रयोग---दाणि आयासत्तो जलबिंदुणो पडंति । रामो खिप्पं पढइ । सुरेसो केरिसो पुरिसो अत्थि ? हं अवस्सं लिहामि । एगया महावीरो अत्थ आगओ । सो पाढं पुणो पढइ । प्राकृत में अनुवाद करो
मैं शीघ्र लिखता है। मैं धीरे लिखता हूं। मैं सेवा करता हूं। मैं बार-बार जाती हूं। मैं एक बार देखता हूं। मैं पीता हूं। मैं सदा हंसता हूं। मैं नहीं खाता हूं। मैं वहां नहीं जाती हूं। मैं आज पढ़ती हूं। मैं वहां खाती हूं। मैं अवश्य लिखता हूं । मैं अवश्य सेवा करता हूं। मैं आज पढता हूं । मैं इस समय वहां जाता हूं। मैं फिर से लिखता हूं। मैं कैसा हूं ? मैं नहीं
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