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प्राकृत वाक्यरचना बोध
अप्पणयं (आत्मीयम्) अपना ।
नियम ६६२ (अनऊ कोठातलस्य डेल्लः २०१५५) अंकोठ शब्द को छोडकर 'उसका तेल' इस अर्थ में डेल्ल (एल्ल) प्रत्यय होता है । कटुतैलम् (कडुएल्लं) कटु का तैल ।
(मयट्य इर्वा ११५०) नियम ८१ के अनुसार-संस्कृत के मयट् प्रत्यय में म के अ को अइ आदेश विकल्प से होता है। विषमयः (विसमइओ, विसमओ) जिसका अधिकांश भाग विषयुक्त हो । प्रयोग वाक्य
अत्थस्स परंपराए अवसाणो न भवइ । खत्तिओ खग्गेण सत्तुं (शत्रु) मारइ। फलगस्स पओगो सुरक्खाए (सुरक्षा) कज्जइ । गामवासिणो जुज्झकाले परुप्परं सल्लस्स पओगं करेंति। महारायपयावस्स (महाराणा प्रताप) कुंतं किं को वि हत्थे गिहि समत्थो? तुज्झ भाउणा भुसुंढीए पंच जणा मारिआ। किसीवलो लवित्तेण सस्साइं लुअइ। आणं विणा णियघरे को फोडत्थाई णिम्माइ ? गोपालेण करवालिआए मुल्लं दिण्णं । विमलेण दंडस्स पोगो कहं कओ? सुसीला कत्तिआए वत्थाणि कत्तइ। लोहारेण घणेण पहारो दिण्णो। रायाभिसेआवसरे सयग्घीए पओगो केण कओ? सत्थावरुहस्स पहारो पलंबो भवइ। सुसीला सूईए वत्थाई सिव्वइ । धातु प्रयोग
उवज्झायो सुत्तं वायइ । अहं पच्चूसे वायामामि । माआ सिसु बाहिं गमिवारेइ । वाऊ मंदं वाइ । तंतुवायो वत्थाई वाइ। सो मुक्खो मच्छिओ वावाअइ । आयरिओ सावगा वासइ। सासू पुत्तवहूए सह मिउवाहरइ । कि तुम लोहं वालि समत्थो ? प्रत्यय प्रयोग
तुझ लेहो सव्वंगीओ वरो अत्थि । पहिओ मग्गे पिवासिओ जाओ। संसारे अप्पणयं कि अत्थि? अयसी एल्लं आवणे किं सुलहमत्थि ? घयमइअं भोयणं भक्खि को-को इच्छइ ? प्राकृत में अनुवाद करो.
हथियार मात्र साधन है। एक समय तलवार का अधिक महत्त्व था। ढाल किसके पास है ? वी अनेक घरों में उपलब्ध होती है। भाले का प्रयोग शक्तिशाली व्यक्ति ही कर सकता है। उसने बंदूक से हरिण को मारा। हरगोपाल की दुकान में बम कैसे फूटा ? तुम तोप का प्रयोग कब करोगे? राइफल किसके पास थी ? उसने टैंक से अनेक लोगों को मारा। विवाह में दुलहा कटार रखता है । वह खेत में दांती से घास (तणं) काटता है। क्या
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