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स्फुट प्रत्यय
- शब्द संग्रह (शस्त्र वर्ग १) हथियार--अत्थं, आउहं बंब-फोडत्थं (सं) तलवार--असी (पुं) खग्गो तोप --सयग्घी (दे० स्त्री) ढाल-फलगो
राइफल-कुच्छिभरियत्थं (सं) भाला-कुंतो
टेक-सत्थावरुहं (सं) बंदूक-भुसुंढि (दे० स्त्री) कटार-करवालिआ दांती-लवित्तं
लाठी-लगुडो, डंडो, दंडो गुप्ती-करवालिआ
केंची-कत्तिया हयोडा-घणो (दे०) सुई-सुई (स्त्री) वी-सल्लं
धान्य-सस्सं
अभिषेक-अभिसेओ, अभिसेगो वेतन लेकर काम करने वास्तव-जहत्थं वाला-वेयणियो
पातु संग्रह वाय-पढना, पढाना
वावाअ-मार डालना वायाम-कसरत करना वास-संस्कार डालना वार-रोकना
वाह-वहन कराना वा-गति करना
वाहर-बोलना वा-बुनना
वाल-मोडना मयट् प्रत्यय
नियम ६५९ (सर्वानादीनस्येकः २११५१) सर्वाङ्ग शब्द से व्याप्नोति (व्याप्त) अर्थ में होने वाले (इन) प्रत्यय को इक आदेश होता है। सर्वाङ्गीणम् (सव्वंगीओ) सब अंगों में व्याप्त ।
नियम ६६० (पथोणस्थेकट् २०१५२) पथ शब्द से नित्य जाने के अर्थ में होने वाले ण प्रत्यय को इकट् (इअ) आदेश होता है। पह+इ== पहिओ (पथिकः) पथिक ।
. नियम ६६१ (ईयस्यात्मनो णयः २।१५३) आत्मन् शब्द से शेष अर्थ में होने वाले ईय प्रत्यय को प्राकृत में णय आदेश होता है। अप्प+णय :
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