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________________ तद्धित ३०१ का आश्वासन देते हैं पर करते नहीं। मुख्य मंत्री हमारे गांव में कभी नहीं आए । नेता को जनता का सही मार्गदर्शन करना चाहिए । सरपंच रुपये लेकर काम करा देता है। कलेक्टर अवस्था में छोटा है पर बुद्धिमान है। राज्यपाल जब सत्ता में नहीं होते तब शांति का जीवन जीते हैं। दूत अपने देश का प्रतिनिधित्व अपनी पटुता से करता है। सेनापति की कुशलता ही देश को विजय दिलाती है। अपने क्षेत्र में संसद सदस्य का महत्त्व होता है। रमेश इस क्षेत्र से विधान सभा में जाएगा। छावनी ही सेना का घर होता है। कार्यकर्ता वोटों के लिए प्रचार करते हैं। ग्रामवासियों ने मंत्री के सामने क्या कहा ? कौन सा प्रस्ताव महत्त्वपूर्ण है ? धात का प्रयोग करो - वीतराग किसी पर ममत्व नहीं करते । आज गांव में कौन मर गया ? आप मुझे क्षमा कर दें। जो सहता है, वह परिवार के साथ चल सकता है। देवों ने और असुरों ने समुद्र का मंथन किया। उस साधु ने अपना वस्त्र क्यों नहीं मापा ? जो दूसरों का सम्मान करता है, वह सम्मान पाता है। भाई बहन से मिलने के लिए उसके गांव गया । उसका मुख म्लान क्यों हो गया ? धर्म में किसी का मिश्रण नहीं होता है। प्रत्यय का प्रयोग करो तुम्हारी माता सुशील है। दूसरे की स्त्री माता के समान होती है। तुम्हारा भाषण कल बहुत अच्छा था। हमारी दुकान में सब चीजें मिलती हैं। राजा की सेना हमारे गांव में आ गई। तुम्हारी स्कूल में कितने लडके पढते प्रश्न १. प्राकृत में इदं अर्थ में क्या-क्या प्रत्यय होते हैं ? दो उदाहरण दो। २. पर और राजन् शब्द से इदं अर्थ में क्या प्रत्यय होता है ? ३. तुम्हेच्चयं और अम्हेच्चयं इन रूपों में किस नियम से किस अर्थ में क्या प्रत्यय हुआ है ? ४. नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री, सरपंच, प्रधानमंत्री, दूत, सेनापति, छावनी, राज्यपाल, जिलाधीश, संसद, विधान सभा, विधायक, कलेक्टर, वोट, सदस्य, प्रस्ताव, निर्वाचन, आदेश, न्याय और प्रतिनिधित्व-इन शब्दों के लिए प्राकृत के शब्द बताओ। ५. ममा, मरह, मरिस, मह, मा, माण, मिल, गिला अक्खोड और मिस्स धातुओं के अर्थ बताओ और इन्हें वाक्य में प्रयोग करो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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