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________________ ८१ राष्ट्रपति -- रटुबई (पुं) मंत्री - मंती (पु) नेता -- अग्गणी राज्यपाल - रज्जवालो दूत-यो छावनी -- छायणिया संसद-संसया विधानसभा - विहाणसहा उपराष्ट्रपति–उबरदुवई (पुं) विधायक -- विहाअगो (सं) ० तमाखू -- तंबूकूडो शब्द संग्रह ( राजनीति वर्ग ) Jain Education International तद्धित ० प्रधान मंत्री -- पहाणमंती मुख्य मंत्री - मुहमंती सरपंच -- गामणी कलेक्टर — जिलाही सो सेनापति - सेणावई वोट— मयं सदस्य – सन्भ (वि) प्रतिनिधि - पणिही (पु) - पत्थावो प्रस्ताव - निर्वाचन — णिव्वायणं ( सं ) ० समर्थन - समत्थणं धातु संग्रह ममा-ममता करना मरह —— क्षमा करना मरिस - सहन करना मह - मथना, विलोडन करना मिस्स - मिश्रण करना, मिलाना तस्येदं संस्कृत में 'तस्येदं' का अर्थ है-उसका यह । प्राकृत में इस अर्थ में केर आदि प्रत्यय होते हैं । नियम ६३४ ( इदमर्थस्य केरः २०१४७ ) इदं अर्थ में होने वाले प्रत्ययों को प्राकृत में केर प्रत्यय होता है । युष्मदीय: ( तुम्ह केरो) तुम्हारा । अस्मदीयः (अम्हकेरो) हमारा | नियम ६३५ ( पर - राजभ्यां क्क डिक्की च ३।१४८) 'उसका यह अर्थ में पर शब्द से क्क और केर प्रत्यय तथा राजन् शब्द से डिक्क और केर प्रत्यय होते हैं । परकीयम् (पारक्कं, परक्कं, परकेरं) पराया, दूसरे का । मा-माप करना माण - सम्मान करना मिल-मिलना गिला - म्लान होना अक्खोड - आस्फोटन करना, एक बार झडकाना For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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