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बहुव्रीहि समास
२६५ स्त्री मन में दुःख पाती है। धातु का प्रयोग करो
वह सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है। वह अपने भाषण को क्यों नहीं समेटता है ? परस्पर के व्यवहार पर चिंतन करना चाहिए। उसने अपने आरोपों का उत्तर दिया। तुमने अपनी इंद्रियों को विषयों से निवृत्त किया। प्रतिदिन साधुओं के एक बार दर्शन करने की मैंने प्रतिज्ञा ली है। असत्य बोलने का त्याग लेकर भी वह असत्य बोला। उसने उत्तराध्ययन सूत्र फिर से पूर्ण किया । आचार्य भिक्षु ने किस ज्ञान से जाना कि साधु विहार कर आ रहे हैं, तुम सामने जाओ। एक महिला ने बताया कि इस वर्ष भारत का शासक बदलेगा।
प्रश्न
१. बहुव्रीहिसमास का दूसरा नाम क्या है ? उसके नामकरण के पीछे कारण
क्या है ? २. बहुव्रीहि समास करने के बाद उसमें लिंग और वचन कौन से होते हैं ?
तथा क्यों ? ३. समानाधिकरण और व्यधिकरण किसे कहते हैं ? ४. बहुव्रीहि समास के विग्रह में किस शब्द का प्रयोग आवश्यक होता है
और उसमें कौन सी विभक्ति होती है ? ५. नीचे लिखे शब्दों का समास विग्रह करोपीअंबरो, नट्ठमोहो, महाबाहू, अपुत्तो, अणुज्जमो पुरिसो। चरणधणा
साहवो । विहवा, अवरूवो, जिअकामो, जराजज्जरियदेहे। ६. नीचे लिखे समास किए हुए शब्दों को वाक्य में प्रयोग करो
भट्ठो आयारो जाओ सो-भट्ठायरो। धुओ सव्वो किलेसो जस्स सो--- धुअसव्वकिलेसो। णिग्गया लज्जा जस्स सो-णिलज्जो। अइक्कतो
मग्गो जेण सो-अइमग्गो रहो । ७. ऊंचे नाक वाली, बडे पेट वाली, अच्छे केशवाली, शीघ्र प्रसववाली, मोटी
स्त्री, युवती, पुत्रवती, चतुरस्त्री, गृहपत्नी, परतंत्रस्त्री-इन शब्दों के लिए प्राकृत शब्द बताओ। ८. पडिसंखा, पडिसंखेव, पडिसंचिक्ख, पडिसाह, पडिसाहर, पडिहर, पडिहा,
पडिहास, पडिसुण, पडिसेव-इन धातुओं के अर्थ बताओ और वाक्य में प्रयोग करो।
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