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________________ २६४ प्राकृत वाक्यरचना बोध समानाधिकरण बहुव्रीहि के उदाहरण ___ आरूढो वाणरो जं रुक्खं सो आरूढवाणरोरुक्खो (वृक्षः) । जिआणि इंदियाणि जेण सो जिइंदियो मुणी। जिआ परीसहा जेण सो जिअपरीसहो महावीरो। णट्ठो मोहो जस्स सो णट्ठमोहो वीयराओ। सेयं अंबरं जेसिं ते सेयंबरा। वीरा णरा जम्मि गामे सो वीरणरो गामो। जिओ कामो जेण सो जिअकामो महादेवो। पीअं अंबरं जस्स सो पीआंबरो। आसा (दिशा) अंबरं जेसिं ते आसंबरा। एगो दंतो जस्स सो एगदंतो गणेसो । सुत्तो सीहो जाए सा सुत्तसीहा गुहा । व्यधिकरण के उदाहरण चक्कं पाणिम्मि जस्स सो चक्कपाणी विण्हू (विष्णुः) । गंडीवं करे जस्स सो गंडीवकरो अज्जुणो। उपमान पूर्वपद वाला बहुव्रीहि मिगनयणाइं इव णयणाणि जाए सा मिगनयणा। चंदस्स मुहं इव मुहं जाए सा चंदमुही। प्रयोग वाक्य ___ सुसीला तुंगणासिआ अत्थि। दक्षिणपएसवासिणीओ इत्थीओ दीहउरीओ कहं भवंति ? मज्झ बहिणी सुएसी अत्थि । किं तस्स भगिणी अणुसूआ अत्थि ? पीवरी दंसणे वि सोहणा न लग्गइ। जुवई पइणा सह उज्जाणम्मि परिअडइ । णिउणा गिहस्स कज्जं कुसलत्तण करेइ । गिहिणी पइणा सह चिंतणं करेइ । पुत्तवई एगं कण्णं अहिलसइ । आविउज्झा सतंता भविउं इच्छइ । धातु प्रयोग सो सम्म पडिसंखाइ। सो णियवत्तं पडिसंखेवइ । भोगे धम्मं, जो एवं पडिसंचिक्खे सो असच्चं जंपइ । सरोजा सच्चं पडिसाहइ । मुणी वेउव्विअलद्धि पडिसाहरइ । मए लसुणभक्खणं पडिसुणि। पडिसेवी मुणी अणायारं पडिसेवइ । आयरियो जोइसगंथं पडिहरइ। केण कारणेणं तुमं भविस्सं पडिहासि ? सो झाणजोगी अत्थट्ठिओ अमेरिआए घडणं सक्खं पडिहासइ । प्राकृत में अनुवाद करो ऊंचे नाकवाली स्त्री अपने पति से झगडा करती है। बडे पेटवाली स्त्री को चलने में कठिनाई अनुभव होती है। अच्छे केशवाली स्त्री हमारे घर में कुसुम ही है। शीघ्र प्रसववाली स्त्री के दस बच्चे हैं । युवती श्रम करने में नहीं थ कती है । चतुर स्त्री बातचीत में अपनी चतुराई दिखाती है । पुत्रवती अपने भाग्य की सराहना करती है। गृहपत्नी ही वास्तव में घर है । परतंत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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