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________________ २६२ प्राकृत वाक्यरचना बोध प्राकृत में अनुवाद करो राजा के एक पटरानी होती थी। कई स्त्रियां अप्सरा के समान रूपवती होती हैं। इस वर्ष की भारतसुंदरी कौन है ? स्त्री को राक्षसी क्यों कहा गया है ? वेश्या किसी की भी पत्नी नहीं होती है। कुलटा का समाज में सम्मान नहीं होता है। कामी स्त्री जगह-जगह पुरुष को खोजती है। कामी पुरुष उपपत्नी को पत्नी से अधिक चाहता है । चंचल स्त्री का मन स्थिर नहीं रहता है । वन्ध्या को माता बनने की प्रवल इच्छा होती है । धातु का प्रयोग करो किसी को शाप के बदले शाप मत दो। प्रतिदिन एक प्रतिज्ञा अवश्य करो। फल नहीं खाते हो इसीलिए घर में पडे हुए फल सड रहे हैं। क्या तुम अग्नि को उद्दीपित करते हो ? साधु अपने पात्र को फिर से सांधते हैं । क्या तुम सांसारिक कार्यों से विरत हो गए ? उसने अपनी इंद्रियों को विषय से निवृत्त किया। मुनि प्रतिक्षण सुख का अनुभव करता है। पारस मुनि ने तपस्या पर विचार किया। वह चित्त समाधि को स्वीकार करता है। अपने व्यवहार से तुमने टूटी हुई मित्रता को फिर से सांध लिया। प्रश्न १. कर्मधारय समास किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद होते हैं ? २. विशेषण पूर्वपद, विशेषण उत्तरपद और विशेषण उभयपद किसे कहते हैं ? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दो। ३. उपमान पूर्वपद और उपमेय उत्तरपद में क्या अंतर है ? दो-दो उदाहरण दो । ४. द्विगु समास के तीन उदाहरण दो। ५. नञ् तत्पुरुष समास के चार उदाहरण दो। ६. नीचे लिखे शब्दों का समास विग्रह करो और बताओ ये किस भेद के अन्तर्गत हैं। पीअवत्थं, कण्हसाडी, सीउण्हो वातो (वायु) । पुरिसगंधहत्थी, गुरुवरो, सेअपीअं मुहं, आसवरो, लोहदेहो, तवधणं, छदव्वं, अपरिग्गहो, पंचमहव्वयं, अपुण्णं, अणुत्तरं ७. पटरानी, अप्सरा, सुंदरी, राक्षसी, वेश्या, कुलटा, कामीस्त्री, उपपत्नी, वंध्या, चंचलस्त्री-इनके लिए प्राकृत शब्द बताओ। ८. पडिसव, पडिसव, पडिसाड, पडिसंजल, पडिसंध, पडिसम, पडिसंहर, पडिसंवेय, पडिसंचिक्ख, पडिसंघ-इन धातुओं के अर्थ बताओ और वाक्य में प्रयोग करो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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