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प्राकृत वाक्यरचना बोष
दूसरा
स्व .
वह
पर दाहिण, दक्षिण दक्षिण
दक्षिण, दक्षिण का उत्तर उत्तर
उत्तर, उत्तर का अवर अपर
अन्य, दूसरा अहर अधर
नीचा स, सुव
अपना इदम् अमु
अदस् तुम्ह
युस्मद् अम्ह
अस्मद् भव भवत्
आप तू, तुम, मैं और हम बोधक शब्दों के अतिरिक्त शेष सभी शब्द प्रथम पुरुष में प्रयुक्त होते हैं।
__ पास की वस्तु या व्यक्ति के लिए इम (इदम् ), अधिक पास की वस्तु या व्यक्ति के लिए एअ (एतद्), सामने के दूरवर्ती पदार्थ या व्यक्ति के लिए अमु (अदस्), परोक्ष (जो वक्ता के सामने न हो) पदार्थ या व्यक्ति के लिए स (तद्) शब्द का प्रयोग किया जाता है।
रमेश पढने में होशियार है परन्तु उसका भाई धनेश मंद बुद्धि वाला है। रमेश का इस अर्थ में 'उसका' शब्द का प्रयोग हुआ है। कई बार सर्वनामशब्द संज्ञा के विशेषण के रूप में भी प्रयुक्त होते हैं । यह लडका सुन्दर है । यह पुस्तक पाठनीय है । जिस प्रकार संज्ञा में सब विभक्तियां आती हैं, वैसे ही सर्वनाम में भी सब विभक्तियां आती हैं-उसने, उसको, उससे, उसके लिए, उससे, उसका, उसमें या उस पर आदि ।
प्रथम पुरुष, मध्यम पुरुष और उत्तम पुरुष---ये तीनों पुरुष सर्वनाम के ही रूप हैं।
मो-वह
ते-वे/वे दोनों ता-वह (स्त्री)
ता-वे/वे दोनों (स्त्री) धातु प्रत्यय (वर्तमान काल)
न्ति, न्ते, इरे हस्-हसइ, हसए
हसन्ति, हसन्ते, हसिरे हस् धातु की तरह अन्य व्यंजनान्त (म विकरण बाली) धातुजों के रूप बनते हैं।
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